Breaking News

नोहर-सिद्धमुख परियोजना: 15 साल से अटकी चकबंदी और मुरब्बाबंदी

हनुमानगढ़: नोहर-सिद्धमुख परियोजना पिछले डेढ़ दशक से अधूरी पड़ी है। सरकारें बदलती रहीं, लेकिन इस परियोजना की सूरत नहीं बदली। चकबंदी और मुरब्बाबंदी का कार्य रुका होने से हजारों किसानों को पानी सही तरीके से नहीं मिल पा रहा है।

क्यों अटका है काम?

  • नोहर तहसील के 48 गांवों और भादरा के 53 गांवों में चकबंदी का कार्य अधूरा है।
  • पानी का समानुपातिक वितरण न होने के कारण किसानों में विवाद होते रहते हैं।
  • जब तक यह कार्य पूरा नहीं होगा, तब तक भाखड़ा और इंदिरा गांधी नहरों की तरह ‘बारी सिस्टम’ लागू नहीं हो सकता।
  • फिलहाल, नहरों में ‘भाईचारा सिस्टम’ से पानी बांटा जा रहा है, जो अस्थायी समाधान है।

अब तक क्या हुआ?

  • इस परियोजना का कार्य वेपकोस कंपनी को दिया गया था।
  • कंपनी ने नक्शे और पर्चा खतौनी तैयार किए, लेकिन कई गड़बड़ियां सामने आईं।
  • कई गांवों के नक्शे तैयार हो चुके हैं, लेकिन अंतिम क्रियान्वयन बाकी है।
  • अब प्रशासन गलतियों को सुधारकर इसे लागू करने की दिशा में कदम बढ़ा रहा है।

कितने किसान प्रभावित?

  • 50 हजार किसान इस नहर से जुड़े हुए हैं।
  • इससे 1,11,458 हेक्टेयर क्षेत्र सिंचित हो रहा है।
  • यदि चकबंदी का कार्य पूरा हो जाए, तो पानी वितरण का स्थायी समाधान मिल सकता है।

अधिकारियों का क्या कहना है?

हनुमानगढ़ के जिला कलेक्टर कानाराम के अनुसार, वेपकोस कंपनी की रिपोर्ट में खामियां मिली हैं। इन गलतियों को ठीक करने के लिए सेटलमेंट डिपार्टमेंट और वेपकोस की संयुक्त टीम बनाई गई है। जल्द ही इसे पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लागू करने की कोशिश की जाएगी।

About admin

Check Also

मध्य प्रदेश का बजट कर्ज में डूबा, हर व्यक्ति पर 60,000 रुपये का बोझ

मध्य प्रदेश सरकार ने 2025-26 का बजट पेश किया, जो अब तक का सबसे बड़ा …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Channel 009
help Chat?