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लखनऊ: उत्तर प्रदेश की 75 जेलों में बंद कैदियों को प्रयागराज के संगम से लाए गए गंगाजल से स्नान करने का अवसर मिला। इस पहल का उद्देश्य कैदियों को आध्यात्मिक शांति देना और उन्हें जीवन सुधारने की प्रेरणा देना था।
कैसे हुआ आयोजन?
- उत्तर प्रदेश जेल प्रशासन ने विशेष टैंकों में संगम से लाया गया गंगाजल संग्रहित किया।
- कैदियों को अपनी इच्छा से इस आयोजन में शामिल होने का अवसर मिला।
- इस कार्यक्रम का नेतृत्व प्रदेश के जेल मंत्री दारा सिंह चौहान ने किया और लखनऊ जेल में इसकी देखरेख की।
कैदियों को आध्यात्मिक अनुभव मिला
- जेल मंत्री दारा सिंह चौहान ने कहा कि कैदी संगम में स्नान नहीं कर सकते, इसलिए जेल में ही उन्हें यह अनुभव दिया गया।
- 90,000 से अधिक कैदियों को इस आयोजन में शामिल होने का मौका मिला।
कैसे पहुंचाया गया गंगाजल?
- संगम से गंगाजल लाकर जेलों में भेजा गया।
- जेल प्रशासन ने स्नान टैंकों में इस पवित्र जल को मिलाकर कैदियों के लिए स्नान की व्यवस्था की।
- यह पूरी तरह स्वैच्छिक प्रक्रिया थी और कैदियों ने अपनी मर्जी से इसमें भाग लिया।
कैदियों ने किया जीवन सुधारने का संकल्प
- इस धार्मिक आयोजन से कई कैदियों ने समाज सेवा और सकारात्मक जीवन जीने का संकल्प लिया।
- जेल प्रशासन का मानना है कि आध्यात्मिक गतिविधियां कैदियों के मानसिक सुधार में मददगार हो सकती हैं।
ब्रिटिश महिला कैदी ने भी लिया हिस्सा
- शाहजहांपुर जेल में एक ब्रिटिश महिला कैदी ने भी गंगाजल से स्नान किया।
- यह महिला 16 महीनों से जेल में बंद है और उसे फांसी की सजा सुनाई गई है।
कैदियों में दिखा धार्मिक उत्साह
- स्नान के दौरान कैदियों ने “गंगा मैया की जय” और “महाकुंभ स्मरित रहे” के नारे लगाए।
- उन्होंने इस पहल के लिए प्रदेश सरकार और जेल प्रशासन का आभार व्यक्त किया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल
- यह आयोजन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की विशेष पहल के तहत हुआ।
- इसका मकसद कैदियों को आध्यात्मिकता से जोड़ना और समाज में पुनर्वास के लिए प्रेरित करना है।