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शहर की प्यास बुझाने वाली कुलबेहरा नदी का पानी बर्बाद किया जा रहा है। रेत निकालने के लालच में माफिया एनीकट की प्लेटें चुराकर पानी बहा रहे हैं। पिछले सात दिनों में दो बार एनीकट की प्लेट चोरी हो चुकी है।
कैसे बर्बाद किया जा रहा है पानी?
भरतादेव फिल्टर प्लांट को कन्हरगांव डैम और कुलबेहरा नदी से पानी मिलता है, जिसे ट्रीट करके शहर को सप्लाई किया जाता है। लेकिन रेत चोर पानी का जमाव नहीं चाहते, इसलिए एनीकट की प्लेट निकालकर उसे बहा देते हैं ताकि वे आसानी से रेत निकाल सकें।
40 हजार परिवारों को होती है पानी की सप्लाई
भरतादेव और धरमटेकरी फिल्टर प्लांट से 40,000 से अधिक परिवारों को पानी की सप्लाई होती है। भरतादेव फिल्टर प्लांट में 11 और 15.75 एमएलडी पानी फिल्टर कर सप्लाई किया जाता है।
तीन साल पहले बना था नया एनीकट
2020 की बारिश में पुराने एनीकट के टूटने के बाद 2021 में करीब 1.75 करोड़ की लागत से नया और ऊंचा एनीकट बनाया गया था। इससे पहले कुलबेहरा नदी से सिर्फ दिसंबर तक पानी की आपूर्ति हो पाती थी, लेकिन नए एनीकट के बनने से यह समय तीन महीने तक बढ़ गया।
नगर निगम ने दोबारा लगाई प्लेटें
नगर निगम के सहायक यंत्री विवेक चौहान ने बताया कि प्लेटों को निकालना आसान नहीं होता, क्योंकि उन्हें मिट्टी से जाम किया जाता है। लेकिन रेत चोरों ने फिर भी प्लेटें चुरा लीं। निगम कर्मचारियों ने दोबारा नई प्लेटें लगाकर पानी रोकने की कोशिश की है।
ग्रामीण इलाकों में भी रेत चोरी जारी
- सोनपुर रोड पर रेलवे अंडरब्रिज के पास नियमों के खिलाफ रेत खनन हो रहा है, जबकि 200 मीटर के दायरे में खनन प्रतिबंधित है।
- इमलीखेड़ा बायपास से वार्ड 24 और सोनपुर बस्ती के रास्ते अवैध रेत से भरे ट्रैक्टर तेज रफ्तार से गुजरते हैं, जिससे स्थानीय लोगों को परेशानी हो रही है।
नगर प्रशासन को जल्द से जल्द इस अवैध रेत खनन पर कार्रवाई करनी होगी, वरना पूरे शहर की जल आपूर्ति पर संकट गहरा सकता है।