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बांसवाड़ा। राजस्थान के महात्मा गांधी जिला अस्पताल में प्रसूता महिलाओं से अवैध वसूली का मामला सामने आया है। अस्पताल के नर्सिंगकर्मियों ने मरीजों की हालत पर भी ध्यान नहीं दिया और पैसे मिलने तक इलाज नहीं किया।
खून बहता रहा, फिर भी मांगे 2500 रुपये
- मंगलवार तड़के भूंगड़ा-सोमपुर निवासी एक गर्भवती महिला को प्रसव पीड़ा होने पर अस्पताल लाया गया।
- प्रसव के लिए महिला नर्सिंगकर्मी ने 2500 रुपये मांगे।
- पैसे नहीं दिए तो खून रोकने का इलाज नहीं किया और टांके भी नहीं लगाए।
- परिजनों ने 1000 रुपये दिए, तो बिना एनेस्थिसिया के ही टांके लगा दिए।
बच्चे की मौत के बाद भी पैसे लिए
- सज्जनगढ़ की एक महिला ने बताया कि जब वह अस्पताल पहुंची, तो डॉक्टरों ने बताया कि गर्भ में बच्चा उल्टा है और 2,000 रुपये लिए।
- बाद में पता चला कि बच्चे की पहले ही गर्भ में मौत हो चुकी थी, फिर भी पैसे की मांग की गई।
प्रसव के लिए मांगे 1500 रुपये
- उपला घंटाला क्षेत्र की एक महिला ने बताया कि रविवार को प्रसव के लिए 1500 रुपये देने पड़े।
रुपये कम थे तो बिना एनेस्थिसिया के लगाए टांके
- एक अन्य प्रसूता के परिजनों ने बताया कि 2500 रुपये नहीं देने पर टांके लगाने में आनाकानी की गई।
- 1000 रुपये मिलने के बाद बिना एनेस्थिसिया के टांके लगाए गए।
- परिजनों के विरोध के बाद ही टांके लगाने के बाद एनेस्थिसिया दिया गया।
अस्पताल प्रशासन का बयान
- नर्सिंग अधीक्षक दीपक भट्ट का कहना है कि नर्सिंगकर्मियों से स्पष्टीकरण मांगा जाएगा और जांच की जाएगी।
- हालांकि, उन्होंने 1500 रुपये की मांग के आरोपों को गलत बताया।