Breaking News

कैसे खत्म हुआ राजस्थान विधानसभा का गतिरोध? जानें पूरी कहानी

 राजस्थान विधानसभा में बीते कुछ दिनों से जारी गतिरोध आखिरकार खत्म हो गया। इसे समाप्त करने में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अहम भूमिका रही। गहलोत ने पर्दे के पीछे रहकर विपक्ष और सत्ता पक्ष के नेताओं से बातचीत जारी रखी, जबकि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने सत्ता पक्ष को समाधान के लिए तैयार किया। इन प्रयासों के कारण ही विधानसभा की कार्यवाही फिर से सुचारू रूप से शुरू हो सकी।

कैसे शुरू हुआ गतिरोध?

इस गतिरोध की शुरुआत पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी पर की गई एक टिप्पणी से हुई। इसके बाद कांग्रेस विधायकों ने विधानसभा के बाहर धरना देना शुरू कर दिया। मामले ने तूल पकड़ लिया, और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा सहित 6 विधायकों को निलंबित कर दिया गया। इससे कांग्रेस और आक्रामक हो गई और सदन की कार्यवाही का बहिष्कार कर दिया।

गहलोत ने सुझाया समाधान

पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस समस्या को सुलझाने के लिए सत्ता पक्ष और विपक्ष से लगातार बातचीत की। उन्होंने सुझाव दिया कि यदि सत्ता पक्ष माफी मांगने को तैयार हो जाए, तो गतिरोध समाप्त हो सकता है।
उन्होंने एक पुराना उदाहरण भी दिया – जब विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी विधायक थे, तब उन्हें भी सदन से निलंबित किया गया था, लेकिन तब नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने माफी मांगकर गतिरोध खत्म कर दिया था। गहलोत ने यही फॉर्मूला अपनाने की सलाह दी।

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की पहल

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा भी इस गतिरोध को खत्म करने के लिए सक्रिय रहे। उन्होंने संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल को कांग्रेस नेताओं से बातचीत करने की जिम्मेदारी दी। जोगाराम पटेल ने कांग्रेस के मुख्य सचेतक रफीक खान से मुलाकात की और बातचीत का माहौल तैयार किया। धीरे-धीरे सत्ता पक्ष ने अपने रुख में नरमी दिखाई और दोनों पक्ष समाधान की ओर बढ़े।

गतिरोध कैसे खत्म हुआ? – अंदर की कहानी

  • अशोक गहलोत ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी से बातचीत की।
  • मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल को कांग्रेस के मुख्य सचेतक रफीक खान से मिलने को कहा।
  • जोगाराम पटेल और रफीक खान की मुलाकात हुई, जिसमें विपक्ष वार्ता के लिए तैयार हुआ।
  • नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली को बातचीत के लिए बुलाया गया और सहमति बनाई गई।
  • फिर मुख्यमंत्री के कक्ष में बैठक हुई, जहां अंतिम सहमति बनी।
  • टीकाराम जूली और मंत्री जोगाराम पटेल ने मुख्यमंत्री से मुलाकात की।
  • कांग्रेस विधायकों को संदेश भेजा गया कि वे सदन की कार्यवाही में शामिल हों।
  • टीकाराम जूली ने सदन में पहुंचकर अपनी बात रखी और गोविंद सिंह डोटासरा के कहे शब्दों के लिए माफी मांगी।
  • विवादित शब्द कार्यवाही से हटाए गए और निलंबित विधायकों का निलंबन खत्म कर दिया गया।

सदन की कार्यवाही फिर से शुरू

दिनभर की बातचीत के बाद शाम तक गतिरोध खत्म हो गया और नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने बजट बहस में हिस्सा लिया। इसके साथ ही विधानसभा की कार्यवाही फिर से सुचारू रूप से चलने लगी। यह संकट मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और पूर्व सीएम अशोक गहलोत की सूझबूझ और संवाद से हल हुआ।

About admin

Check Also

मध्य प्रदेश का बजट कर्ज में डूबा, हर व्यक्ति पर 60,000 रुपये का बोझ

मध्य प्रदेश सरकार ने 2025-26 का बजट पेश किया, जो अब तक का सबसे बड़ा …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Channel 009
help Chat?