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पीथमपुर में यूनियन कार्बाइड (यूका) के कचरे को जलाने का मामला एक बार फिर गरमा गया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने इस फैसले पर नाराजगी जताते हुए कहा कि सरकार लोगों को जहर दे रही है।
सुप्रीम कोर्ट ने नहीं लगाई रोक
- भोपाल गैस त्रासदी के 40 साल बाद भी यूका के कचरे को नष्ट करने की प्रक्रिया में कई बाधाएं थीं, जो अब दूर हो गई हैं।
- सुप्रीम कोर्ट ने इस कचरे को जलाने पर रोक लगाने से इनकार कर दिया, जिससे हाईकोर्ट के आदेश के तहत तीन चरणों में जलाने का ट्रायल शुरू हो गया है।
कांग्रेस का विरोध
- जीतू पटवारी ने कहा कि कचरे को जलाने से कैंसर के मरीज बढ़ रहे हैं।
- उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि जनता के स्वास्थ्य की परवाह किए बिना यह फैसला लिया गया।
72 घंटे में जलेगा ‘यूका’ का कचरा
- प्लांट में 25 थानों के 500 जवान तैनात किए गए हैं।
- मध्यप्रदेश और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की टीमें भी निगरानी कर रही हैं।
- रामकी प्लांट में इंसीनेटर चालू कर दिया गया है, जहां 12 घंटे तक 850 डिग्री सेल्सियस तापमान पर कचरा जलाया जाएगा।
प्रदूषण बोर्ड की रिपोर्ट
- प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के रीजनल ऑफिसर श्रीनिवास द्विवेदी ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट की मंजूरी के बाद पहले चरण का ट्रायल शुरू किया गया है।
- कंटेनरों में 5 तरह के अपशिष्ट रखे गए हैं, जिनमें कीटनाशक (सेविन), रिएक्टर अवशेष, यूका परिसर की मिट्टी, नेफ्थॉल अवशेष और सेमी-प्रोसेस्ड अवशेष शामिल हैं।
- सभी अपशिष्टों को मिक्सर में मिलाकर 10 टन कचरा तैयार किया जाएगा और इसे जलाया जाएगा।
इस मुद्दे पर सियासत तेज हो गई है, और आगे भी इस पर बहस जारी रहने की संभावना है।