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राजस्थान विधानसभा में लगातार छह दिनों तक चले गतिरोध के बाद आखिरकार कार्यवाही सुचारू रूप से शुरू हो गई। मंत्री अविनाश गहलोत द्वारा इंदिरा गांधी पर की गई टिप्पणी को लेकर हुए विवाद के कारण सदन में गतिरोध बना हुआ था, लेकिन अब दोनों पक्षों की सहमति के बाद चर्चा आगे बढ़ी। हालांकि, कांग्रेस के कई बड़े नेता सदन में नजर नहीं आए।
कांग्रेस के कई नेता गैरहाजिर
- कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, सचिन पायलट, शांति धारीवाल, राजेंद्र पारीक, श्रवण कुमार, हाकम अली, रामकेश मीणा समेत कई विधायक सदन में मौजूद नहीं थे।
- उनकी गैरमौजूदगी से यह सवाल उठने लगे हैं कि क्या कांग्रेस में अब भी असंतोष बना हुआ है?
विधानसभा में सवाल-जवाब का दौर
सदन में विधायकों ने अपने-अपने क्षेत्र की समस्याओं को उठाया, जिनमें ये प्रमुख मुद्दे सामने आए:
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बस स्टैंड निर्माण:
- विधायक जसवंत यादव ने बहरोड़ विधानसभा में रोडवेज बस स्टैंड को लेकर सवाल किया।
- मंत्री डॉ. प्रेमचंद बैरवा ने बताया कि जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया जारी है, स्थानीय लोगों की आपत्तियों पर रिपोर्ट आने के बाद निर्माण शुरू होगा।
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जल जीवन मिशन (JJM):
- विधायक प्रताप सिंह सिंघवी ने छबड़ा विधानसभा में जल जीवन मिशन की प्रगति पर सवाल किया।
- मंत्री कन्हैया लाल ने बताया कि 361 गांवों में परियोजनाएं स्वीकृत हो चुकी हैं, पंप हाउस और फिल्टर प्लांट लगाने का काम जारी है, जो मार्च 2025 तक पूरा होगा।
शिक्षा विभाग पर गरमाई बहस
- नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने शिक्षा विभाग में नियुक्तियों को लेकर सरकार से सवाल किया।
- उन्होंने पूछा कि बीजेपी ने अपने घोषणा पत्र में एक साल के भीतर सभी रिक्त पद भरने का वादा किया था, वह अब तक कितना पूरा हुआ?
- शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने जवाब दिया कि कांग्रेस सरकार ने कोई पद स्वीकृत नहीं किया था, अब तक 22,000 पद भरे जा चुके हैं और बाकी प्रक्रिया में हैं।
- जूली ने दोबारा पूछा कि बीजेपी ने अपने वादे का कितना पालन किया? इस पर मंत्री कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे सके।
ग्राम सभाओं की बैठकों पर मंत्री अटके
- विधायक अनिल कुमार ने अनुसूचित क्षेत्रों में ग्राम सभाओं की बैठकों पर सवाल किया।
- पंचायतीराज मंत्री मदन दिलावर ने जवाब दिया कि पिछली सरकार में ऐसी कोई बैठक नहीं हुई थी।
- टीकाराम जूली ने पूछा कि वर्तमान सरकार में कितनी बैठकें हुईं?
- मंत्री इस सवाल पर अटक गए और कोई स्पष्ट जवाब नहीं दे पाए।
निष्कर्ष
हालांकि, गतिरोध खत्म होने के बाद विधानसभा की कार्यवाही फिर से शुरू हो गई, लेकिन कांग्रेस के कई नेताओं की गैरमौजूदगी और मंत्रियों के संतोषजनक जवाब न दे पाने से सदन में बहस जारी रही।