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राजस्थान में 72 हजार शिक्षकों की भर्ती की उम्मीद, डीपीसी खोल सकती है नई भर्ती और तबादलों का रास्ता

सीकर। राजस्थान के शिक्षा विभाग में वरिष्ठ अध्यापकों की पदोन्नति (डीपीसी) चार साल से बकाया है। 2021-22 से लेकर 2024-25 तक की पदोन्नतियां अभी तक लंबित हैं। वरिष्ठ अध्यापकों से व्याख्याता पद पर पदोन्नति के लिए फाइल तैयार कर डीपीसी ने आरपीएससी को भेजी थी, लेकिन एक महीने से ज्यादा समय बीतने के बाद भी फाइल को मंजूरी नहीं मिली है।

डीपीसी से खुल सकता है नई भर्ती का रास्ता
अगर सरकार सभी लंबित डीपीसी पूरी कर दे, तो तीसरी श्रेणी के 40 हजार शिक्षकों के तबादले और 72 हजार नई भर्तियों की संभावना बन सकती है। फिलहाल, लगभग 5 हजार व्याख्याताओं का मामला कोर्ट में अटका है। विशेषज्ञों का कहना है कि इनका समाधान करने पर 7400 उप प्रधानाचार्य को प्रधानाचार्य बनाया जा सकेगा, जिससे पदोन्नति का रास्ता साफ होगा और कई खाली पद भरे जा सकेंगे।

खाली पदों की स्थिति
वर्तमान में 17,556 हजार पद पहले से ही खाली हैं। नव-क्रमोन्नत स्कूलों में भी 17 हजार पदों पर वित्तीय स्वीकृति अटकी है। सभी पदों को मिलाकर कुल खाली पदों की संख्या लगभग 49,500 हो जाएगी। वरिष्ठ अध्यापकों की पदोन्नति से लगभग 63 हजार पद खाली हो सकते हैं। इनमें से करीब 35 हजार पद तृतीय श्रेणी शिक्षकों की पदोन्नति से भरे जा सकते हैं, जिससे कुल 72 हजार पद तृतीय श्रेणी शिक्षकों के लिए रिक्त हो जाएंगे।

शिक्षक संघ की राय
राजस्थान शिक्षक संघ के प्रदेश महामंत्री उपेन्द्र शर्मा का कहना है कि अगर पूरी डीपीसी हो जाए तो तीसरी श्रेणी के 72 हजार पद खाली होंगे, जिससे नई भर्तियों का रास्ता खुलेगा और तीसरी श्रेणी के शिक्षकों के तबादले भी हो सकेंगे।

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