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शेयर बाजार में भारी गिरावट का दौर जारी है। 28 फरवरी को सेंसेक्स 1400 अंकों से ज्यादा टूट गया, जबकि निफ्टी में भी 490 अंकों की गिरावट देखने को मिली। यह गिरावट 1996 के बाद सबसे बड़ी गिरावट मानी जा रही है। आइए जानते हैं इस गिरावट के तीन बड़े कारण।
शेयर बाजार में गिरावट के 3 बड़े कारण
1. टैरिफ वॉर (Import Duty विवाद)
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने घोषणा की कि 4 मार्च से मेक्सिको और कनाडा पर नया टैरिफ लगेगा। इसके अलावा, चीन पर भी 10% अतिरिक्त टैरिफ लगाया जाएगा। इस फैसले से ग्लोबल मार्केट में अनिश्चितता बढ़ गई, जिससे निवेशकों को बड़ा झटका लगा।
2. एशियाई बाजारों में कमजोरी
अमेरिका के टैरिफ वॉर के कारण एशियाई शेयर बाजारों में भी गिरावट आई।
- जापान का निक्केई 2.81% टूटा।
- टॉपिक्स इंडेक्स 1.87% नीचे गया।
- ऑस्ट्रेलिया और कोरिया के बाजार भी 1% से ज्यादा गिरे।
- चीन का सीएसआई 300 इंडेक्स 0.6% गिरावट में रहा।
इस गिरावट का सीधा असर भारतीय शेयर बाजार पर भी देखने को मिला।
3. AI सेक्टर में गिरावट
दुनिया की सबसे बड़ी AI चिप कंपनी एनवीडिया (Nvidia) के कमजोर तिमाही नतीजों से ग्लोबल मार्केट में हलचल मच गई।
- एनवीडिया के शेयर 8.5% तक गिर गए।
- इससे पूरे टेक्नोलॉजी सेक्टर में बिकवाली शुरू हो गई।
- जापान का निक्केई इंडेक्स अपने 5 महीने के निचले स्तर 37,084.44 पर पहुंच गया।
किन शेयरों में गिरावट आई?
इन 10 शेयरों में सबसे ज्यादा गिरावट देखने को मिली:
- चंबल फर्टिलाइजर – 7% गिरा।
- रेडिंगटन – 6.8% नीचे।
- क्रेडिट एक्सेस – 6% गिरा।
- पतंजलि फूड्स – 10% तक गिरा।
- IREDA – 7% तक गिरा।
- Hexacom – 5% नीचे।
- InfoEdge – 6% गिरा।
- टेक महिंद्रा – 5% तक गिरा।
- IndusInd Bank – 4.5% गिरा।
- महिंद्रा एंड महिंद्रा – 5% तक गिरा।
28 साल का रिकॉर्ड टूटा
इस गिरावट के साथ Nifty ने 28 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ दिया। 1996 के बाद पहली बार लगातार 5 महीनों तक शेयर बाजार में गिरावट देखने को मिली है। इससे पहले 1990 के दशक में ही ऐसा हुआ था।
(निवेश से पहले हमेशा बाजार के जोखिमों को समझें और विशेषज्ञों की सलाह लें)।