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हाईकोर्ट के आदेश से फिर स्थगित हुई काउंसलिंग, अब नए सिरे से होगा सीट आवंटन
नई दिल्ली: मेडिकल कॉलेजों में एमडी-एमएस पीजी कोर्स की काउंसलिंग दूसरी बार रद्द कर दी गई है। इसकी वजह इनसर्विस कोटे के डॉक्टरों को गलत बोनस नंबर दिए जाने का मामला है। हाईकोर्ट ने इस विवाद के चलते पूरी काउंसलिंग ही रद्द कर दी है।
पहली बार पिछले साल 29 नवंबर को काउंसलिंग स्थगित की गई थी, जब पहले राउंड में एडमिशन चल रहा था। अब फिर से पूरी प्रक्रिया को नए सिरे से शुरू करना पड़ेगा, जिससे छात्रों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
क्यों हुई काउंसलिंग रद्द?
- इनसर्विस कोटे के डॉक्टरों को गलत बोनस अंक दिए गए, जिससे मेरिट लिस्ट प्रभावित हुई।
- 17 नवंबर को हाईकोर्ट में केस दर्ज हुआ, जिसके चलते स्ट्रे राउंड की च्वॉइस फिलिंग रोकी गई।
- हाईकोर्ट के फैसले का इंतजार किया गया, लेकिन अब पूरी काउंसलिंग को दोबारा से कराने का आदेश दिया गया है।
- इससे तीन राउंड की काउंसलिंग पूरी हो चुकी थी, लेकिन अब स्ट्रे वैकेंसी काउंसलिंग अधर में लटक गई है।
अब क्या होगा?
- नए सिरे से पहले राउंड से ही काउंसलिंग शुरू होगी।
- पीजी में एडमिशन की आखिरी तारीख 28 फरवरी थी, जो निकल गई है।
- अब नई तारीखों के लिए नेशनल मेडिकल कमीशन से अनुमति लेनी होगी।
स्टेट कोटे की सीटें और बोनस अंक का विवाद
पीजी कोर्स में दो तरह की स्टेट कोटा सीटें होती हैं:
- फ्रेश कैंडिडेट के लिए।
- इनसर्विस कोटे के डॉक्टरों के लिए, जो सरकारी सेवा में होते हैं।
इनसर्विस डॉक्टरों को उनकी सेवा और क्षेत्र के आधार पर बोनस अंक दिए जाते हैं। लेकिन इस बार गड़बड़ी के कारण कुछ अपात्र डॉक्टरों को अधिक बोनस अंक मिल गए, जिससे मेरिट लिस्ट प्रभावित हुई।
बोनस अंक देने में गड़बड़ी कैसे हुई?
- सीएमएचओ और डीएचएस ने गलत बोनस नंबर जारी किए।
- कुछ डॉक्टरों को अपात्र होने के बावजूद ज्यादा अंक मिले।
- इस गड़बड़ी से कुछ डॉक्टरों को अच्छी ब्रांच मिल गई, जबकि योग्य उम्मीदवार वंचित रह गए।
टॉप 10 में रेडियो डायग्नोसिस के लिए केवल 2 छात्रों को सीट
- पहली आवंटन सूची में टॉप 10 में सिर्फ दो छात्रों को रेडियो डायग्नोसिस की सीट मिली।
- जनरल मेडिसिन सबसे ज्यादा पसंद की गई, जिसमें 6 छात्रों ने सीटें लीं।
- डर्मेटोलॉजी और पीडियाट्रिक्स में भी सीटें आवंटित हुईं।
- इस बार सिम्स बिलासपुर के छात्रों को एमडी मेडिसिन की दो सीटें मिलीं।
14 नंबर ज्यादा मिलने से बदल गई मेरिट लिस्ट!
- सूरजपुर के डॉ. यश कुमार को 16 की बजाय 30 बोनस अंक दिए गए, जिससे वे मेरिट लिस्ट में टॉप 10 में आ गए।
- उन्हें नेहरू मेडिकल कॉलेज रायपुर में रेडियो डायग्नोसिस की सीट मिल गई।
- जब उनके बोनस अंक सही किए गए, तो उनकी सीट चली गई।
- शिकायत करने वाली डॉ. अपूर्वा चंद्राकर को रेडियो डायग्नोसिस की सीट मिल गई।
कमिश्नर मेडिकल एजुकेशन का बयान
डॉ. किरण कौशल, कमिश्नर मेडिकल एजुकेशन ने कहा कि इनसर्विस कोटे के डॉक्टरों को बोनस नंबर देने का काम स्वास्थ्य विभाग का है। गलत बोनस नंबर दिए जाने पर चिकित्सा शिक्षा विभाग जिम्मेदार नहीं है।
अब हाईकोर्ट के आदेश का इंतजार किया जा रहा है, जिसके बाद आगे की प्रक्रिया तय की जाएगी।