टीएसपी क्षेत्र के कर्मचारियों की पदोन्नति पर रोक
राजस्थान: वन विभाग के मंत्रालयिक कर्मचारियों की पदोन्नति प्रक्रिया में बदलाव से टीएसपी (आदिवासी उप योजना) क्षेत्र के कर्मचारियों की तरक्की रुक गई है। वहीं, नॉन-टीएसपी क्षेत्र के जूनियर कर्मचारियों को आगे बढ़ने का मौका मिल गया है।
टीएसपी क्षेत्र के सीनियर कर्मचारियों को झटका
टीएसपी क्षेत्र (बांसवाड़ा, डूंगरपुर, प्रतापगढ़ आदि) में लंबे समय से मांग उठ रही थी कि सभी विभागों में अलग भर्ती और प्रमोशन की प्रक्रिया लागू की जाए। इस साल वन विभाग में यह प्रक्रिया अपनाई गई, जिससे 927 पदों में से टीएसपी क्षेत्र के लिए केवल 54 पद ही तय किए गए।
इनमें भी:
- 44 पद एलडीसी (लोअर डिविजन क्लर्क) और यूडीसी (अपर डिविजन क्लर्क) के लिए हैं।
- केवल 9 पद वरिष्ठ सहायक प्रशासनिक अधिकारी के लिए रखे गए।
- अतिरिक्त प्रशासनिक अधिकारी का सिर्फ 1 पद है।
- प्रशासनिक अधिकारी और संस्थापन अधिकारी के लिए कोई पद नहीं है, जिससे सीनियर कर्मचारियों का प्रमोशन रुक गया है।
2014 में मांगे गए थे विकल्प पत्र
2014 में कर्मचारियों से यह पूछा गया था कि वे टीएसपी क्षेत्र में रहना चाहते हैं या नहीं। तब सभी कर्मचारियों की एक कॉमन लिस्ट जारी होती थी, लेकिन इस साल अचानक नियम बदलने से टीएसपी क्षेत्र के सीनियर कर्मचारी प्रमोशन से वंचित रह गए हैं।
समाधान क्या हो सकता है?
- डीपीसी (डिपार्टमेंटल प्रमोशन कमेटी) की दोबारा समीक्षा की जाए।
- टीएसपी और नॉन-टीएसपी की कॉमन लिस्ट जारी की जाए।
- नए प्रमोशन लेवल आने पर दोबारा विकल्प पत्र भरवाए जाएं।
कर्मचारियों में निराशा
वन विभागीय मंत्रालयिक कर्मचारी संघ के प्रदेशाध्यक्ष पीसी यादव ने कहा कि प्रमोशन में गड़बड़ी हुई है। टीएसपी-नॉन टीएसपी के बीच पदों का सही बंटवारा किया गया, लेकिन सीनियर कर्मचारियों के लिए प्रमोशन का कोई अवसर नहीं बचा।
समझें प्रमोशन का गणित
- पहले राज्य के 55 विभागीय दफ्तरों में मंत्रालयिक कर्मचारियों के पदों का सही अनुपात में आवंटन था।
- अब टीएसपी क्षेत्र के लिए पद तो हैं, लेकिन नॉन-टीएसपी क्षेत्र में सीनियर कर्मचारियों के लिए प्रमोशन के पद नहीं हैं।
- इस वजह से सीनियर कर्मचारी उसी पद पर सालों तक अटके रहेंगे और जूनियर्स को भी प्रमोशन नहीं मिलेगा।
इस बदलाव से सैकड़ों कर्मचारी प्रभावित हुए हैं और अगर पद नहीं बढ़ाए गए तो आगे भी कई लोग प्रमोशन से वंचित रहेंगे।