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महिला अधिकारों और स्वतंत्रता की झलक दिखाती फिल्में

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 2025 पर महिलाओं के अधिकारों, समानता और स्वतंत्रता की बात करना बहुत जरूरी है। 8 मार्च को मनाया जाने वाला यह दिन हर महिला के संघर्ष और सफलता का प्रतीक है। आज भी कई महिलाएं सामाजिक रूढ़ियों और बंधनों को तोड़कर आगे बढ़ने के लिए संघर्ष कर रही हैं। कई फिल्में ऐसी हैं, जो महिलाओं के संघर्ष, आत्मनिर्भरता और साहस की कहानियां बयां करती हैं। ये फिल्में न केवल समाज की सच्चाई को सामने लाती हैं, बल्कि यह भी सिखाती हैं कि अपने अधिकारों के लिए लड़ना जरूरी है

मध्य प्रदेश जल्द ही एक फिल्म सिटी बनने की ओर बढ़ रहा है। यहां कई फिल्मों की शूटिंग हुई है, जिनमें महिलाओं के संघर्ष और उनकी सफलता की कहानियां दिखाई गई हैं। आइए जानते हैं ऐसी कुछ फिल्मों के बारे में:

स्त्री 2 (2024)

यह एक हॉरर-कॉमेडी फिल्म है, जो मध्य प्रदेश के चंदेरी में शूट की गई है। यह फिल्म स्त्री (2018) का सीक्वल है और महिलाओं की शक्ति, सम्मान और उनके साथ होने वाले अन्याय को दर्शाती है।

लापता लेडीज (2024)

यह फिल्म किरण राव द्वारा निर्देशित है और सीहोर जिले के महोदिया गांव में शूट की गई है। यह दो दुल्हनों की कहानी है, जो अपने पतियों से बिछड़ जाती हैं और अपनी पहचान खोजने के लिए संघर्ष करती हैं। फिल्म यह सिखाती है कि महिलाओं को केवल पत्नी, बेटी या बहू के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए, बल्कि उनकी खुद की भी एक पहचान होती है

मणिकर्णिका: द क्वीन ऑफ झांसी (2019)

रानी लक्ष्मीबाई के जीवन पर बनी इस फिल्म में कंगना रनौत मुख्य भूमिका में हैं। यह फिल्म महेश्वर और भेड़ाघाट में शूट की गई है। फिल्म महिला सशक्तिकरण, स्वतंत्रता और नेतृत्व का संदेश देती है।

टॉयलेट: एक प्रेम कथा (2017)

इस फिल्म में अक्षय कुमार और भूमि पेडनेकर ने मुख्य भूमिका निभाई है। फिल्म महेश्वर और सीहोर में शूट हुई है और महिलाओं के स्वाभिमान और बुनियादी अधिकारों की बात करती है। यह फिल्म दिखाती है कि महिलाओं को अपने अधिकारों के लिए आवाज उठानी चाहिए और समाज को बदलने के लिए पुरुषों को भी आगे आना चाहिए।

लिपस्टिक अंडर माय बुर्का (2016)

यह फिल्म भोपाल में शूट की गई है और चार महिलाओं की स्वतंत्रता और उनके सपनों की कहानी बताती है। फिल्म यह संदेश देती है कि हर महिला को अपने जीवन में स्वतंत्रता और समानता का अधिकार है

देवकी (2005)

यह फिल्म एक ग्रामीण महिला के संघर्ष और सामाजिक अन्याय के खिलाफ उसकी लड़ाई को दिखाती है। फिल्म खंडवा जिले की एक सच्ची घटना पर आधारित है और महिला सशक्तिकरण का संदेश देती है

मातृभूमि: ए नेशन विदाउट वीमेन (2003)

यह फिल्म एक ऐसे समाज को दिखाती है, जहां महिलाओं की कमी के कारण सामाजिक असंतुलन पैदा हो जाता है। यह फिल्म हरदा जिले के रेनाई गांव में शूट की गई है और लिंग भेदभाव और महिला अधिकारों की जरूरत को उजागर करती है।

महारानी (वेब सीरीज)

यह एक पॉलिटिकल ड्रामा वेब सीरीज है, जो दिखाती है कि कैसे एक अनपढ़ गृहिणी अचानक राजनीति में आकर समाज में बदलाव लाती है। इसकी शूटिंग भोपाल, होशंगाबाद (नर्मदापुरम) और पचमढ़ी में हुई है।

अन्य प्रेरणादायक फिल्में

इनके अलावा, पिंजर, मदर इंडिया, थप्पड़, पिंक, मिसेज जैसी फिल्में भी महिला सशक्तिकरण और उनके अधिकारों पर जोर देती हैं।

ये सभी फिल्में महिला अधिकारों, स्वतंत्रता और समाज में बदलाव का संदेश देती हैं। महिलाओं को अपने हक के लिए आवाज उठाने और सामाजिक रूढ़ियों को तोड़ने की प्रेरणा देती हैं।

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