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राज्य सरकार ने कामकाजी महिलाओं के लिए नई आवास योजना शुरू की है। इसका मकसद महिलाओं को सुरक्षित आवास देना और उन्हें आत्मनिर्भर बनाना है।
योजना की मुख्य बातें
✅ प्रदेश के हर संभाग में 100 और हर जिले में 50 महिलाओं को रहने की सुविधा मिलेगी।
✅ कामकाजी महिलाएं इस आवास में 3 साल तक रह सकती हैं।
✅ अगर महिला का व्यवहार अच्छा रहता है, तो समिति की सिफारिश पर इसे 1-1 साल के लिए बढ़ाया जा सकता है, अधिकतम 5 साल तक।
✅ इस योजना का संचालन महिला एवं बाल विकास विभाग और भारत सरकार के सहयोग से पीपीपी मोड पर होगा।
✅ अगर महिला का वेतन 50 हजार रुपये से ज्यादा हो जाता है, तो उसे 6 महीने के अंदर आवास खाली करना होगा।
कौन ले सकता है इस योजना का लाभ?
✔️ सरकारी, गैर-सरकारी या निजी संस्थान में काम करने वाली महिलाएं।
✔️ अल्प आय वर्ग की वे महिलाएं जो खुद का छोटा व्यवसाय करती हैं।
✔️ विधवा, तलाकशुदा, परित्यक्ता और दिव्यांग महिलाओं को प्राथमिकता मिलेगी।
क्या हैं शर्तें?
📌 महिला का कार्यस्थल नगर पालिका, नगर निगम या नगर परिषद क्षेत्र में होना चाहिए।
📌 महिला या उसके पति, माता-पिता के नाम पर कोई मकान नहीं होना चाहिए।
📌 महिला की उम्र 18 साल से ज्यादा होनी चाहिए।
📌 महिला का मासिक वेतन 50 हजार रुपये से कम होना चाहिए।
जरूरी दस्तावेज
📄 आधार कार्ड, पैन कार्ड, वोटर कार्ड और राशन कार्ड।
📄 कार्यस्थल का आइडी कार्ड और नियोक्ता का प्रमाण पत्र।
📄 वेतन पर्ची या व्यवसाय का आय प्रमाण पत्र।
निष्कर्ष
यह योजना कामकाजी महिलाओं को सुरक्षित और सस्ता आवास देने के लिए बनाई गई है। इससे महिलाएं आत्मनिर्भर बनेंगी और कार्यस्थल पर उनकी सुरक्षा सुनिश्चित होगी।