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राजस्थान के किसानों के लिए अच्छी खबर है! अब किसान अपनी जमीन पर तिलहन प्रसंस्करण इकाई (ऑयल प्रोसेसिंग यूनिट) लगा सकेंगे। इससे उन्हें अपनी फसल से अधिक मुनाफा मिलेगा और रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे।
योजना का लाभ और अनुदान
👉 कृषि विभाग की इस योजना के तहत किसानों को मशीन और उपकरण खरीदने पर 33% तक अनुदान मिलेगा।
👉 योजना के तहत किसान 10 टन क्षमता वाली तिलहन प्रसंस्करण इकाई स्थापित कर सकेंगे।
👉 योजना को नेशनल एडिबल ऑयल-तिलहन मिशन के तहत लागू किया गया है।
इन जिलों को मिलेगा विशेष लाभ
🌱 अलवर, भरतपुर और सीकर जिले की जलवायु तिलहनी फसलों के लिए अनुकूल मानी जाती है।
🌱 इन जिलों में सरसों, मूंगफली और सोयाबीन का अच्छा उत्पादन होता है।
🌱 सीकर में हर साल लगभग 55,000 हेक्टेयर में सरसों की खेती होती है।
किसानों को क्या फायदा होगा?
✅ किसान सरसों, मूंगफली और सोयाबीन की प्रोसेसिंग खुद कर सकेंगे।
✅ कच्चे माल की बजाय तेल और अन्य तैयार उत्पाद बेचकर ज्यादा मुनाफा कमा पाएंगे।
✅ खाद्य तेलों की स्थानीय उपलब्धता बढ़ेगी, जिससे बाजार में तेल के दाम स्थिर रहेंगे।
सरकार की पहल से किसानों की आय होगी दोगुनी!
इस योजना से किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी और उन्हें अपनी फसल का बेहतर मूल्य मिलेगा। सरकार ने इसके लिए निर्देश जारी कर दिए हैं। किसानों को इस योजना का लाभ जरूर उठाना चाहिए।
🗣 – रामनिवास पालीवाल, अतिरिक्त निदेशक, कृषि विभाग, सीकर