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छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले में नेशनल हाईवे (NH-53 और NH-353) पर सफर करना खतरनाक होता जा रहा है। तेज रफ्तार और लापरवाही से हादसे लगातार बढ़ रहे हैं।
NH-53 और NH-353 पर बढ़ते हादसे
- 2024 में NH-53 पर 81 और NH-353 पर 34 लोगों की मौत हुई थी।
- 2025 में अब तक:
- NH-53 पर 25 दुर्घटनाएं, 24 मौतें, 58 घायल।
- NH-353 पर 17 दुर्घटनाएं, 9 मौतें।
- जनवरी 2025: 60 हादसों में 39 मौतें, 85 घायल।
- फरवरी 2025: 27 हादसों में 14 मौतें, 47 घायल।
हादसों के कारण
- तेज रफ्तार (100 किमी/घंटा से ज्यादा)
- अनियंत्रित ड्राइविंग
- NH-53 पर ज्यादा ट्रैफिक दबाव
सुरक्षा के इंतजाम फिर भी हादसे जारी
- NH-53 पर फोरलेन, विश्राम गृह, ले-बाय (ट्रकों के लिए स्थान), स्पीड चेक यंत्र जैसी सुविधाएं होने के बावजूद दुर्घटनाएं कम नहीं हो रही हैं।
- NH-353 पर सड़क संकरी होने के बावजूद हादसे कम हो रहे हैं।
ब्लैक स्पॉट और प्रशासन की तैयारी
- जिले में सिर्फ 2 ब्लैक स्पॉट (कोडार काष्ठागार और मौलीगुड़ा) हैं, जहां सुरक्षा सुविधाएं बढ़ाई जा रही हैं।
- यातायात डीएसपी के अनुसार, स्पीड लिमिट से ज्यादा तेज चलने वाले वाहनों पर ही कार्रवाई संभव है।
2024 में कुल 471 हादसे, 282 मौतें
दुर्घटनाओं में लगातार लोग अपनी जान गंवा रहे हैं, लेकिन उन्हें रोकने के लिए कोई ठोस प्रयास नहीं किए जा रहे। प्रशासन को जल्द से जल्द सख्त कदम उठाने की जरूरत है।