सावन माह की अमावस्या, हरियाली अमावस्या, 4 अगस्त को चार विशेष योगों के संयोग के साथ मनाई जाएगी। इस दिन सिद्धि योग, रवि पुष्य योग, सर्वार्थ सिद्धि योग और पुष्य नक्षत्र का शुभ संयोग बन रहा है, जो पूजा-अर्चना, दान-पुण्य और खरीदारी के लिए बहुत फलदायी माना जाता है। इस दिन मंदिरों में ठाकुरजी का विशेष अभिषेक होगा और हरे रंग की पोशाक धारण करवाई जाएगी।
पितरों का तर्पण और पर्यावरण संरक्षण
इस दिन पितरों की पूजा अर्चना करने से वे प्रसन्न होते हैं। दान-पुण्य और स्नान का भी विशेष महत्व है। श्रद्धालु गलता में आस्था की डुबकी लगाएंगे और पितरों का तर्पण करेंगे। यह दिन पर्यावरण संरक्षण और हरियाली को बढ़ावा देने के लिए बहुत श्रेष्ठ है। विशेष रूप से पीपल, तुलसी और आम के पौधे लगाने का महत्व है।
पौधे लगाने का उत्तम दिन
ज्योतिषाचार्य पं. सुरेश शास्त्री के अनुसार, अमावस्या तिथि 3 अगस्त को दोपहर 3:50 बजे से शुरू होकर 4 अगस्त को शाम 4:42 बजे समाप्त होगी। इस दिन पौधरोपण से पितृदोष से मुक्ति मिलती है और घर में सुख-समृद्धि आती है।
विशेष योग
- सिद्धि योग: 4 अगस्त, सुबह 10:38 तक
- रवि पुष्य योग: 4 अगस्त, सुबह 5:44 से दोपहर 1:26 तक
- सर्वार्थ सिद्धि योग: 4 अगस्त, सुबह 5:44 से दोपहर 1:26 तक
- पुष्य नक्षत्र: 4 अगस्त, सुबह से दोपहर 1:26 तक, उसके बाद अश्लेषा नक्षत्र
नाहरसिंह भौमियाजी का जन्मोत्सव
हरियाली अमावस्या पर घाट की गूणी स्थित नाहरसिंह भौमियाजी महाराज मंदिर में जन्मोत्सव मनाया जाएगा। इस दिन नाहरसिंह बाबा का विशेष शृंगार होगा और फूल बंगला झांकी सजाई जाएगी। मंदिर में सुबह से देर रात तक मेले का माहौल रहेगा और कई जगहों से पदयात्राएं आएंगी।