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सारांश
चंडीगढ़ में पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने एक मालिक-किराएदार विवाद को सुलझाने के लिए अनोखा फैसला सुनाया। कोर्ट ने किराए को तय करने के लिए सोने की कीमतों को आधार बनाया।
विस्तार
पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने मालिक-किराएदार विवाद में सोने की कीमत का इस्तेमाल कर किराए का निर्धारण किया। कोर्ट ने प्रॉपर्टी किराए पर दिए जाने के समय की सोने की कीमत और विवाद के समय की सोने की कीमत को आधार बनाकर यह फैसला सुनाया।
1972 में, जब सोने का दाम 202 रुपये प्रति तोला था, उस समय किराया 600 रुपये था। 2023 में जब विवाद हुआ, तब सोने की कीमत 66,000 रुपये प्रति तोला हो गई। कोर्ट ने इसी अनुपात में किराया बढ़ाकर 1,90,000 रुपये प्रति माह तय किया।
यह मामला संजय बंसल द्वारा मेसर्स मेलोडी हाउस और अन्य के खिलाफ दायर किया गया था, जिसमें याची ने चंडीगढ़ के सेक्टर 17-डी में स्थित प्रॉपर्टी को खाली करवाने की याचिका दी थी। पहले अपीलीय प्राधिकरण ने किराया 70,000 रुपये प्रति माह तय किया था, लेकिन हाईकोर्ट में अपील के बाद इसे 1,90,000 रुपये प्रति माह कर दिया गया।