जयपुर। इस साल राज्य में औसत से 58.68 प्रतिशत ज्यादा बारिश हुई है, जिससे बांधों और तालाबों में भरपूर पानी उपलब्ध है। इस वजह से रबी फसलों के बुवाई क्षेत्र में वृद्धि की संभावना है। सितंबर में लगातार बारिश के कारण रबी फसलों की बुवाई इस साल अक्टूबर में एक साथ हो रही है, जिससे इस महीने डीएपी उर्वरक की मांग बहुत बढ़ गई है।
कृषि विभाग की ओर से राज्य में डीएपी की मांग और उपलब्धता पर लगातार नजर रखी जा रही है। जिन जिलों में कम डीएपी उपलब्ध है और ज्यादा खपत है, वहां प्राथमिकता के आधार पर इसे वितरित किया जा रहा है। फिलहाल राज्य में 34 हजार मै.टन डीएपी, 4.18 लाख मै.टन यूरिया, 2.22 लाख मै.टन एसएसपी और 52 हजार मै.टन एनपीके का पर्याप्त स्टॉक मौजूद है।
अब तक 42% उर्वरक आया, बाकी की मांग जारी कृषि विभाग के सचिव राजन विशाल ने बताया कि अक्टूबर 2024 के लिए राज्य को केंद्र सरकार से 1.80 लाख मै.टन डीएपी का आवंटन मिला है। 22 अक्टूबर तक 74 हजार मै.टन डीएपी की आपूर्ति हो चुकी है, जो कुल आवंटन का 42% है। शेष 1.06 लाख मै.टन डीएपी की आपूर्ति के लिए केंद्र से अनुरोध किया गया है और उर्वरक कंपनियों से समन्वय कर जल्द से जल्द आपूर्ति सुनिश्चित की जा रही है।
आने वाले दिनों में और उर्वरक आएंगे सचिव ने बताया कि केंद्र सरकार ने सूचित किया है कि आने वाले 7 दिनों में कनकपुरा, अलवर, सूरतगढ़, मेडता सिटी, भवानीमंडी, कोटा, बीकानेर, हिण्डौन सिटी, और लालगढ़ में डीएपी रैक पहुंचेंगे, जिससे 15-20 हजार मै.टन डीएपी की आपूर्ति संभव होगी।
इसके साथ ही, किसानों को डीएपी के विकल्प के रूप में सिंगल सुपर फॉस्फेट (एसएसपी), यूरिया, और एनपीके के उपयोग के लिए प्रशिक्षण और प्रचार-प्रसार भी किया जा रहा है।