दीपावली के पहले और बाद के दिनों में फ्लाइट का किराया 18 से 20 हजार रुपये तक पहुंच गया था, जो अब आधे से भी कम हो गया है।
त्योहारी सीजन में हवाई सेवाओं की कमी के कारण संस्कारधानी (जबलपुर) के लोगों को भारी किराया चुकाना पड़ा। दीपावली के समय किराया तीन गुना तक बढ़ गया था, लेकिन अब यह सामान्य हो गया है। भोपाल और इंदौर में भी हल्की बढ़ोतरी देखी गई थी, लेकिन वहां उड़ानों की संख्या अधिक होने के कारण यह उतना नहीं बढ़ा।
जबलपुर से इंदौर समेत देश के अन्य शहरों के लिए कुल 6 नियमित उड़ानें हैं, और एक उड़ान सप्ताह में दो दिन उपलब्ध है। त्योहारी सीजन में फ्लाइट्स में भीड़ बढ़ने के कारण कंपनियों ने किराए में अप्रत्याशित बढ़ोतरी की। दीपावली से दो दिन पहले और दो दिन बाद तक यह किराया 18 से 20 हजार रुपये तक पहुंच गया था, लेकिन अब यात्रियों को केवल 5 से 8 हजार रुपये में यात्रा करने का मौका मिल रहा है।
त्योहार के समय किराया बढ़ा था
दीपावली के आसपास जबलपुर से बेंगलुरू का किराया 16 से 21 हजार रुपये तक हो गया था। त्योहार खत्म होने के बाद फ्लाइट्स की मांग कम हुई, तो किराया घटकर 6 से 8 हजार रुपये पर आ गया। इसी तरह, मुंबई, दिल्ली, हैदराबाद, बेंगलुरू और इंदौर से जबलपुर आने का किराया भी 7 से 14 हजार रुपये तक बढ़ गया था, जो अब 5 से 6 हजार रुपये रह गया है।
कम उड़ानों का असर
जबलपुर से दिल्ली और इंदौर के लिए सिर्फ दो फ्लाइट्स हैं और अन्य शहरों के लिए केवल एक-एक फ्लाइट उपलब्ध है। इसीलिए त्योहार के समय किराया बढ़ जाता है। इंदौर और भोपाल में उड़ानों की संख्या ज्यादा होने के कारण वहां इतनी बढ़ोतरी नहीं हुई थी, हालांकि अब वहां भी किराया घटा है।