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प्रधानमंत्री आयुष्मान कार्ड योजना के तहत मध्य प्रदेश में 6 दिन में 52 जिलों में केवल 3,114 कार्ड ही बन सके हैं। श्योपुर, मैहर और पाढुर्ना जिलों में अभी तक एक भी कार्ड नहीं बना है।
इस योजना का विशेष अभियान 29 अक्टूबर से शुरू किया गया है, जिसका उद्देश्य 70 साल और उससे अधिक उम्र के बुजुर्गों को स्वास्थ्य सेवाओं से जोड़ना है। राज्य में आयुष्मान कार्ड बनाने का लक्ष्य 47,91,400 है, जबकि अभी तक केवल 0.6% ही कार्ड बनाए गए हैं। कई जिलों में रोजाना 200 से ज्यादा कार्ड बन रहे हैं, जबकि कुछ जिलों में यह संख्या 10 से 50 के बीच ही रह गई है। 2 नवंबर की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले दिन केवल 844 कार्ड ही बने थे।
रीवा संभाग की धीमी प्रगति
कुछ जिलों ने आयुष्मान कार्ड बनाने में अच्छा प्रदर्शन किया है, जैसे भोपाल में 574, इंदौर में 619, जबलपुर में 282, खरगोन में 114 और ग्वालियर में 194 कार्ड बनाए गए हैं। वहीं, रीवा संभाग में प्रगति धीमी है—रीवा में 81, सतना में 53, सीधी में 6, सिंगरौली में 10, मैहर में 0 और मऊगंज में 17 कार्ड बने हैं। सतना और मैहर में क्रमशः 112,720 और 47,715 बुजुर्गों के कार्ड बनाने का लक्ष्य है। सीएमएचओ ने संबंधित कर्मचारियों को हर दिन प्रत्येक पंचायत और वार्ड में 100 कार्ड बनाने के निर्देश दिए हैं, लेकिन मैहर जिले में अभी तक एक भी कार्ड नहीं बन सका है।