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छठ पूजा 2024: आज नहाए-खाए के साथ शुरू होगा चार दिवसीय छठ महापर्व, जानें पूजा का महत्व

छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में हर साल छठ महापर्व कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाया जाता है। इस साल छठ पूजा 7 नवंबर को होगी। यह पर्व सूर्य देव की पूजा और संतान के सुखी जीवन की कामना के लिए मनाया जाता है। इसकी शुरुआत चतुर्थी तिथि को नहाय-खाय से होती है, फिर पंचमी को लोहंडा और खरना होता है, और अंत में षष्ठी तिथि को छठ पूजा की जाती है, जिसमें सूर्य देव को शाम का अर्ध्य अर्पित किया जाता है।

छठ घाट की तैयारी शुरू

अगले दिन सप्तमी को उगते सूर्य को अर्ध्य दिया जाता है, और फिर व्रत का पारण किया जाता है। इस बार छठ पूजा की चार दिन की तैयारी चल रही है। मंगलवार को नहाय-खाय से छठ व्रत की शुरुआत की जाएगी। व्रती महिलाएं खास प्रसाद ठेकुआ तैयार करने में जुटी हैं। वहीं, पुरुष वर्ग छठ घाटों की सफाई और रंग-रोगन कर रहे हैं।

जुटमिल स्थित लेबर कालोनी में बड़ी पूजा

जुटमिल स्थित लेबर कालोनी के छठ घाट में हर साल हजारों लोग पूजा के लिए आते हैं। यहां की साफ-सफाई और रंग-रोगन का काम पहले से ही शुरू हो चुका है। स्थानीय लोगों के अनुसार, हर साल 10 से 20 नई बेदी बनाई जाती है, जिसके लिए काम जारी है।

घाट की व्यवस्था का ध्यान

छठ घाट की सफाई के साथ-साथ लाईटिंग की व्यवस्था भी की जा रही है। नगर निगम द्वारा घाट और मार्ग की सफाई की जा रही है। मुख्य मार्ग से छठ घाट तक टेंट और लाईटिंग का प्रबंध किया गया है, ताकि लोग आसानी से आ-जा सकें।

नदी और तालाबों में पूजा की तैयारी

छठ महापर्व की तैयारियों के चलते शहर के कई स्थानों पर पूजा की योजना बनाई जा रही है। इनमें एसईसीएल के पास केलो नदी, बेलादुला के घाट, जगदंबा मंदिर के पास, जुटमिल लेबर कालोनी, और अन्य तालाब शामिल हैं। हालांकि, निगम ने कई तालाबों की सफाई अब तक नहीं कराई है, जिससे लोग निगम से सफाई की उम्मीद कर रहे हैं।

घर-घर में छठ गीतों की गूंज

रायगढ़ जिला औद्योगिक नगरी होने के कारण यहां बड़ी संख्या में यूपी-बिहार के लोग रहते हैं, जिससे दीपावली के बाद से छठ पूजा की धूम मच जाती है। अब घर-घर में तैयारी शुरू हो गई है, और महिलाएं छठ मईया के गीत गाते हुए तैयारियों में जुट गई हैं। व्रती महिलाओं का कहना है कि पूजा में साफ-सफाई का खास ध्यान रखना पड़ता है, जिसके लिए पहले से ही तैयारियां की जाती हैं।

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