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मंडावरी में दीपावली के बाद भी युवाओं में पटाखे चलाने का जोश कम नहीं हुआ है। इसी बीच लोहे के पाइप में पोटेशियम गंधक का मिश्रण डालकर पटाखा बनाने का शौक खतरनाक साबित हुआ। रैगर मोहल्ले में 26 वर्षीय युवक, राजेंद्र प्रसाद, इस पटाखे से गंभीर रूप से झुलस गया। चेहरा, गर्दन, और हाथ बुरी तरह से जल जाने के कारण उसे तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसकी गंभीर स्थिति को देखते हुए उसे उच्च चिकित्सा केंद्र के लिए रेफर कर दिया गया।
गंधक और पोटाश का मिश्रण डालकर बनाए जाने वाले इन पटाखों से तेज धमाके की आवाज निकलती है, लेकिन यह तरीका बेहद खतरनाक है। अस्पताल के चिकित्सक बताते हैं कि इस तरह के हादसों से झुलस कर अब तक कई लोग घायल हो चुके हैं।
स्थानीय बाजारों में गंधक और पोटाश जैसे ज्वलनशील पदार्थ खुलेआम बेचे जा रहे हैं, जिससे ये उपकरण बनाना आसान हो गया है। “धमाका” नाम के इस उपकरण से न केवल तेज आवाज होती है, बल्कि भारी मात्रा में धुआं फैलता है, जिससे लोगों को आंखों में जलन और सांस लेने में भी दिक्कत होती है। शाम होते ही कॉलोनियों में इस उपकरण का इस्तेमाल बढ़ जाता है, जिससे ध्वनि और वायु प्रदूषण में भी वृद्धि होती है।