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बारां जिले की नदियां अवैध खनन के कारण बुरी तरह से प्रभावित हो रही हैं। कालीसिंध, पार्वती और परवन जैसी बड़ी नदियां लगातार खनन के कारण अपने प्राकृतिक स्वरूप को खो रही हैं। पत्थरों, रेत और मिट्टी की अंधाधुंध खुदाई से नदियों के तटों को गंभीर नुकसान पहुंच रहा है। इससे तटबंधों में भी दरारें आ गई हैं, जिससे बाढ़ का खतरा बढ़ गया है।
जिले में अवैध खनन माफिया सक्रिय हैं, जो दिन-रात नदियों के पेटे में खनन कर रहे हैं। यह खनन न केवल नदियों का रूप बदल रहा है, बल्कि पर्यावरण पर भी गहरा असर डाल रहा है। माफिया के कारण कालीसिंध और पार्वती नदी में गहरे गड्ढे बन गए हैं, और कई जगहों पर तटबंध टूटने के कारण बाढ़ का खतरा बढ़ा है।
कवाई क्षेत्र में अवैध खनन अपने चरम पर है। यहां के पहाड़ों और डूंगरियों से बजरी निकालने के लिए सुरंगें खोदी गई हैं। इसी तरह जलवाड़ा क्षेत्र में भी अवैध खनन के कारण गहरे गड्ढे हो गए हैं, जिनमें हादसा हो सकता है।
कालीसिंध नदी के पास भी अवैध खनन माफिया का दबदबा है। यहां ट्रैक्टर ट्रॉलियों का जमावड़ा रहता है और रेत का व्यापार जारी रहता है, जबकि यह प्रतिबंधित है। पार्वती नदी में भी खनन से गहरे गड्ढे बन गए हैं, जो नदी के स्वरूप को बिगाड़ रहे हैं।
खनन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि वे जहां भी शिकायत प्राप्त होती है, वहां कार्रवाई करते हैं और खनन को रोकने की कोशिश करते हैं।