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समरावता गांव (Tonk) में हुए SDM थप्पड़ कांड के बाद चार दिन बीत जाने के बावजूद गांव का माहौल सामान्य नहीं हो पाया है। गांव के लोग अब भी डरे हुए हैं। उनके घरों की खिड़कियां टूटी हुई हैं, सड़कों पर जलते हुए वाहनों के निशान हैं और चारों ओर सन्नाटा पसरा हुआ है। पुलिस की गाड़ियां गुजरते ही लोग सहम जाते हैं, हालांकि अब पुलिस बल को गांव से हटा लिया गया है।
मकान मालिक जमनालाल मीणा की पत्नी प्रकाशी मीणा, जिनकी रात को पिटाई हुई थी, अब भी डरी हुई हैं। उन्होंने बताया कि पुलिस ने उनके घर की खिड़कियों और किवाड़ों को नुकसान पहुंचाया और जंगले, रोशनदान, कांच और जालियां तोड़ दीं। दीपावली पर खरीदी गई 50 हजार रुपये की एलईडी लाइट्स भी क्षतिग्रस्त कर दी गईं। प्रकाशी ने कहा कि पुलिस ने निर्दलीय प्रत्याशी के समर्थकों को निकालने के दौरान उनके घरों में घुसकर पीटा।
महिलाओं का कहना है कि उन्होंने पुलिसकर्मियों की खूब सेवा की थी, लेकिन रात के समय पुलिस ने उनके घरों में घुसकर उनकी पिटाई की। महिलाओं ने इस घटना की जांच सीबीआई से करवाने की मांग की है।
13 नवम्बर को हुए थप्पड़ कांड में घायल सभी लोगों का मेडिकल टीम ने प्राथमिक उपचार किया और उन्हें दवाइयां दी।