Breaking News

टीकमगढ़: घंटाघर पर मजदूरों को बैठने की सुविधा नहीं, बारिश और धूप में परेशान

टीकमगढ़ जिले के घंटाघर और गांधी चौक पर हर सुबह मजदूरों का मेला लगता है। यहां हर उम्र के श्रमिक आते हैं, जिन्हें काम की तलाश रहती है। ठेकेदारों और मकान मालिकों को देखकर उनकी उम्मीदें जगती हैं कि आज काम मिल जाएगा, लेकिन उनमें से केवल कुछ ही को काम मिलता है। बाकी मजदूरों को पूरे दिन खड़ा रहकर धूप, बारिश और ठंड का सामना करना पड़ता है। उनके पास बैठने या आराम करने के लिए कोई सुरक्षित स्थान नहीं है।

क्या कहते हैं मजदूर?

घंटा घर के पास खड़े प्रीतम सेन और भरोसे चढ़ार बताते हैं कि वे हर दिन सुबह सात बजे यहां आते हैं और पूरे दिन खड़े रहते हैं। जिनको काम मिल जाता है, वे चले जाते हैं, और जो नहीं पाते, वे निराश होकर घर लौट जाते हैं। ये मजदूर अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए हर दिन मेहनत करते हैं, लेकिन उन्हें किसी तरह की सुविधा नहीं मिलती।

मजदूरों की समस्याएं और समाधान की मांग

पहले मजदूरों का स्थान जवाहर चौक पर था, जहां से यातायात प्रभावित होता था। फिर सिटी कोतवाली पुलिस ने घंटा घर के पास मजदूरों को एकत्र करने की व्यवस्था की थी और मजदूरों के लिए टीन शेड बनाने की घोषणाएं की थीं, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। अब मजदूरों को धूप और बारिश से बचने के लिए डिवाइडर के पेड़ों और पार्क का सहारा लेना पड़ता है।

मजदूरों की आवाज

मजदूरों का कहना है कि उन्हें बारिश और धूप से बचने के लिए कोई सुरक्षित स्थान नहीं है। बालकिशन विश्वकर्मा और रमेश प्रजापति जैसे समाजसेवी भी इस बात पर जोर दे रहे हैं कि मजदूरों के लिए एक बैठने की व्यवस्था की जानी चाहिए। श्यामलाल अहिरवार और महेश प्रसाद असाटी का भी यही कहना है कि घंटा घर के पास खाली पड़ी ज़मीन पर एक टीन शेड और चबूतरा बनवाना चाहिए, ताकि मजदूर आराम से बैठ सकें और काम की तलाश में आसानी से इंतजार कर सकें।

About admin

Check Also

मध्य प्रदेश का बजट कर्ज में डूबा, हर व्यक्ति पर 60,000 रुपये का बोझ

मध्य प्रदेश सरकार ने 2025-26 का बजट पेश किया, जो अब तक का सबसे बड़ा …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Channel 009
help Chat?