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उत्तर प्रदेश में 1993 में देवबंद में हुए बम धमाकों के आरोपी को ATS की टीम ने श्रीनगर से गिरफ्तार किया है। पुलिस ने उससे करीब 10 घंटे तक पूछताछ की, जिसमें कई महत्वपूर्ण खुलासे हुए हैं।
क्या है पूरा मामला?
यह मामला 1993 का है जब सहरानपुर जिले के देवबंद में एक कथित आतंकी ने पुलिस पर हैंड ग्रेनेड फेंक दिया था, जिससे दो पुलिसकर्मी और चार नागरिक घायल हो गए थे। इस घटना के बाद पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।
गिरफ्तार आरोपी का नाम नजीर अहमद उर्फ मुस्तफा उर्फ जावेद इकबाल है। वह 31 सालों से फरार था। पुलिस ने उसे श्रीनगर से गिरफ्तार किया और पूछताछ की।
पूछताछ में क्या खुलासे हुए?
जावेद ने बताया कि वह 1989 से 1991 तक पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) और अफ़ग़ानिस्तान में ट्रेनिंग लेने गया था, जहां उसे ग्रेनेड फेंकने की ट्रेनिंग दी गई। इसके बाद वह पाकिस्तान और गोवा से होते हुए देवबंद आ गया। देवबंद में वह पढ़ाई करने आया था, लेकिन एडमिशन न मिलने पर उसने टोपी बेचने का काम शुरू किया।
जावेद ने यह भी बताया कि वह कई बार भारतीय सेना के साथ मुठभेड़ में फंसा, लेकिन हर बार सेना को चकमा देकर भाग निकला। 1993 में हुए ग्रेनेड हमले के बाद उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था। 1994 में उसे मेडिकल कॉलेज में एडमिशन मिलने के आधार पर जमानत मिल गई थी।
गिरफ्तारी के बाद क्या हुआ?
1994 में जावेद के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई थी, लेकिन वह कोर्ट में पेश नहीं हुआ। इसके बाद उसके खिलाफ लगातार वारंट जारी होते रहे। 20 सितंबर 2024 को स्थायी वारंट जारी किया गया, जिसके बाद पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी के लिए खोजबीन शुरू की और अंततः उसे श्रीनगर से गिरफ्तार कर लिया।