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समरावता हिंसा मामला: ग्रामीणों की जांच पर नाराजगी, किरोड़ी लाल का हाईवोल्टेज ड्रामा

समरावता गांव हिंसा मामला:
देवली-उनियारा उपचुनाव के दौरान समरावता गांव में हुई हिंसा के बाद मंगलवार को ग्रामीणों के प्रतिनिधिमंडल और तीन मंत्रियों के बीच बैठक हुई। इस बैठक में गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढ़म, कैबिनेट मंत्री किरोड़ी लाल मीणा और कन्हैयालाल चौधरी ने हिस्सा लिया।

क्या हुआ बैठक में?
किरोड़ी लाल मीणा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि ग्रामीणों ने सरकार के सामने चार मांगें रखी थीं, जिन पर सहमति बन गई है। मीणा ने यह भी कहा कि सभी नुकसान की भरपाई की जाएगी। एक असेसमेंट रिपोर्ट तैयार की जाएगी, जिसमें यह बताया जाएगा कि किसका कितना नुकसान हुआ है। इस रिपोर्ट के आधार पर इलाज, मकान और वाहनों के नुकसान की भरपाई की जाएगी। इसके अलावा, 9 निर्दोष लोगों को छोड़ दिया गया है, और 35 बाइक, 7 कारों का नुकसान हुआ है, जिसमें पुलिस के वाहन भी शामिल हैं। इस पर संभागीय आयुक्त जांच करेंगे।

नरेश मीणा पर क्या बोले किरोड़ी लाल?
जब किरोड़ी लाल मीणा से पूछा गया कि नरेश मीणा की गिरफ्तारी में देरी क्यों हुई, तो उन्होंने कहा कि यह जांच का विषय है और डिवीजन कमिश्नर इस मामले की जांच कर रहे हैं। जांच पूरी होने के बाद रिपोर्ट सरकार को सौंपी जाएगी, जिसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि ज्यूडिशियल जांच को टाल दिया गया है ताकि समय पर न्याय मिल सके और लोग अधीर न हों।

ग्रामीणों की नाराजगी:
बैठक के बाद जब प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री के आवास के लिए रवाना हुआ, तो ग्रामीणों ने मीडिया के सामने संभागीय आयुक्त से जांच पर नाराजगी जाहिर की। उन्होंने कहा कि वे सिर्फ और सिर्फ न्यायिक जांच की मांग कर रहे हैं।

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