मध्य प्रदेश, सागर: बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज के आईसीयू में मंगलवार रात एक बड़ा हादसा होते-होते बचा। एक लिवर के मरीज ने जैसे ही बीड़ी सुलगाई, 30 मरीजों की जान खतरे में पड़ गई। यह घटना आईसीयू में मरीज की लापरवाही और अस्पताल प्रबंधन की गलती के कारण हुई।
मरीज, जिसका नाम नन्ने भाई अहिरवार था, लिवर की बीमारी के इलाज के लिए भर्ती था और ऑक्सीजन पर था। रात में उसे बीड़ी की तलब लगी, तो उसने अपनी पत्नी से बीड़ी लाकर सुलगा दी। इस दौरान उसने कंबल के नीचे ऑक्सीजन मास्क हटाया और बीड़ी जलाते ही आग लग गई। आग की लपटें तेज हो गईं और नन्ने भाई का सीना और गर्दन झुलस गए। आग की लपटों से आईसीयू में भर्ती अन्य मरीजों की हालत भी गंभीर हो गई, और हड़कंप मच गया।
अस्पताल स्टाफ ने तत्परता से फायर एक्सटिंग्युअशर से आग बुझाई और बड़ा हादसा होने से बचाया। आग के कारण मरीजों में अफरा-तफरी मच गई, लेकिन गनीमत रही कि आग ऑक्सीजन प्वाइंट तक नहीं पहुंची।
इस घटना के बाद अस्पताल सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठने लगे हैं। मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. पीएस ठाकुर ने इस मामले की जांच के लिए कमेटी गठित की है और अस्पताल में और सख्त सुरक्षा व्यवस्था लागू करने की बात की है।
मरीज की पत्नी ने बताया कि उन्हें बीड़ी जलाने के परिणाम का अंदाजा नहीं था। वह कहती हैं कि पति बार-बार बीड़ी मांग रहे थे, और मना करने पर गाली दे रहे थे, तो मैंने बीड़ी सुलगा दी।
इस घटना ने एक बार फिर प्रदेश के अस्पतालों में सुरक्षा की खामियों को उजागर किया है।