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मुरैना: बुधवार सुबह मुरैना कृषि उपज मंडी में धान की बोली के दौरान किसान और व्यापारी के बीच विवाद हो गया, जिसके चलते मंडी में भारी हंगामा हुआ। इसके कारण धान और गेहूं की खरीद साढ़े तीन घंटे तक बंद रही।
क्या हुआ विवाद?
मंडी में सुबह 11 बजे धान की बोली शुरू हुई। रते का पुरा, भिंड के दो किसान व्यापारी रघुवीर मावई (अजय ट्रेडर्स) से पर्ची पहले देने की मांग करने लगे। व्यापारी ने समझाया कि जब उनका नंबर आएगा, तब पर्ची मिलेगी। इस पर किसानों ने गाली-गलौज शुरू कर दी और लाठी-डंडा लेकर हंगामा करने लगे।
जब व्यापारियों ने धान की बोली बंद कर बाजरा की बोली शुरू करनी चाही, तब भी किसानों ने वहां पहुंचकर खरीद को रुकवा दिया। इस हंगामे के चलते व्यापारियों ने खरीद पूरी तरह बंद कर दी।
पुलिस की तैनाती और मामला शांत
सूचना मिलने पर सिटी कोतवाली और स्टेशन रोड थाने की पुलिस भारी संख्या में मंडी पहुंची। स्थिति को देखते हुए बज्र वाहन भी तैनात कर दिया गया। पुलिस को देख हंगामा करने वाले किसान वहां से भाग गए।
मंडी प्रशासन और पुलिस की समझाइश के बाद दोपहर 2:30 बजे फिर से खरीद शुरू हो पाई।
भिंड और ग्वालियर के किसान भी पहुंच रहे मुरैना मंडी
मुरैना मंडी में भिंड और ग्वालियर के किसान भी धान बेचने आ रहे हैं। इसका मुख्य कारण यह है कि मुरैना में नगद भुगतान होता है, जबकि अन्य मंडियों में भुगतान में देरी होती है। इस वजह से मंडी में धान बेचने के लिए गाड़ियों की लंबी लाइन लग जाती है।
गलत सूचना पर बड़ी पुलिस तैनाती
एक पुलिस अधिकारी ने वरिष्ठ अधिकारियों को गलत सूचना दी कि झगड़े में एक व्यक्ति का सिर फट गया है। इसके चलते बड़ी संख्या में पुलिस और बज्र वाहन मंडी पहुंच गए। हालांकि, मामला उतना गंभीर नहीं था।
व्यापारी और मंडी सचिव की प्रतिक्रिया
- रघुवीर मावई (व्यापारी): भिंड के दो किसान शराब के नशे में थे। उन्होंने पर्ची पहले मांगने पर विवाद कर दिया और खरीद को रुकवा दिया। मैंने मंडी प्रशासन को शिकायत दे दी है।
- पंजाब सिंह (मंडी सचिव): किसानों ने पर्ची को लेकर झगड़ा किया, जिससे बोली बंद करनी पड़ी। व्यापारी की शिकायत पर कार्रवाई के बाद बोली शुरू करवा दी गई।
मंडी प्रशासन और पुलिस के हस्तक्षेप से स्थिति नियंत्रण में आई और खरीद दोबारा शुरू हो सकी।