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राजस्थान विधानसभा में फिर से गूंजा जिलों को खत्म करने का मुद्दा, MLA मोदी बोले- राजनीति द्वेषता के चलते जिले हटाए गए

राजस्थान विधानसभा के बजट सत्र के चौथे दिन की कार्यवाही में गहमागहमी और हंगामे का माहौल बना। नए जिलों और संभागों को खत्म करने के मुद्दे पर गुरुवार को सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी बहस हुई। कांग्रेस विधायक सुरेश मोदी और रामकेश मीणा ने स्थगन प्रस्ताव के जरिए नीमकाथाना और गंगापुर सिटी जिलों को खत्म करने पर सवाल उठाए, जिसके बाद सदन में हंगामा हो गया।

MLA सुरेश मोदी ने उठाया मुद्दा
नीमकाथाना से कांग्रेस विधायक सुरेश मोदी ने कहा कि राज्य सरकार ने नए जिलों और संभागों का दर्जा खत्म करके वहां की जनता के साथ अन्याय किया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने राजनीतिक द्वेषता के कारण यह फैसला लिया है, न कि किसी मापदंड के आधार पर। मोदी ने यह भी कहा कि शेखावाटी क्षेत्र में बीजेपी के सभी सांसद और विधायक हार गए थे, और इस हार को सरकार पचा नहीं पाई, इसलिए जिले खत्म करने का फैसला लिया गया।

उन्होंने कहा कि पंवार कमेटी ने नीमकाथाना का दौरा नहीं किया था और सरकार ने जानबूझकर नीमकाथाना जिले को हटाया। उनका कहना था कि इन जिलों और संभागों को फिर से बहाल किया जाए।

MLA रामकेश मीणा ने भी उठाए सवाल
कांग्रेस विधायक रामकेश मीणा ने कहा कि भाजपा सरकार ने मापदंडों का परीक्षण किए बिना ही जिलों को निरस्त कर दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार ने एक ऐसी कमेटी बनाई थी, जिसने पहले ही तय कर लिया था कि इन जिलों को खत्म करना है।

विधि मंत्री पटेल ने दिया जवाब
विधि और संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने जवाब में कहा कि नए जिलों का गठन सरकार के अधिकार क्षेत्र में है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के लंबे शासनकाल में एक भी नया जिला नहीं बनाया गया, जबकि बीजेपी सरकार ने राजस्थान में सभी जिले बनाए। मंत्री पटेल ने कहा कि भौगोलिक परिस्थितियों, प्रशासनिक संरचना और जनभावना जैसे बिंदुओं को ध्यान में रखते हुए जिलों की समीक्षा की गई है।

विधानसभा में लगे नारे
इस मुद्दे पर विधानसभा में जोरदार नारेबाजी हुई। विपक्षी दलों ने ‘नए जिले वापस बहाल करो’ के नारे लगाए। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने कार्यवाही को कुछ देर के लिए स्थगित कर दिया। कार्यवाही फिर से शुरू होने पर हंगामा होने की संभावना जताई जा रही है।

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