Breaking News

भीलवाड़ा में कचरा जलाने से बढ़ रहा प्रदूषण, हवा हो रही जहरीली

शहर की बढ़ती प्रदूषण समस्या
भीलवाड़ा में वायु प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुंच रहा है। कचरा जलाने और वाहनों की अधिकता से हवा जहरीली हो रही है। खासकर कुवाड़ा क्षेत्र में कचरा डंपिंग यार्ड में रोजाना जलाए जा रहे कचरे से उठने वाला धुआं लोगों के स्वास्थ्य पर बुरा असर डाल रहा है।

कचरा जलाने का असर

  • कुवाड़ा क्षेत्र: यहां रोजाना कचरा जलाया जाता है, जिससे निकलने वाला धुआं स्कूल, कार्यालय और आसपास के इलाकों में लोगों को सांस की समस्या दे रहा है।
  • वाहनों का योगदान: प्रदूषण का 40-45% कारण वाहनों से निकलने वाले प्रदूषक तत्व हैं।

हवा में प्रदूषक तत्व बढ़ने से स्वास्थ्य पर असर

प्रदूषण के कारण हवा में ऑक्सीजन की मात्रा कम हो रही है। इससे त्वचा की नमी और सांस लेने की प्रक्रिया प्रभावित हो रही है।

  • हानिकारक गैसें: मिथेन, सल्फर, कार्बन डाइऑक्साइड और कार्बन मोनोऑक्साइड जैसी गैसें निकलती हैं, जो कैंसर, दमा, टीबी, चर्म रोग, और सांस की बीमारियों का कारण बन रही हैं।
  • ओजोन परत को नुकसान: कचरा जलाने से पर्यावरण को भी भारी नुकसान हो रहा है।

क्षेत्रवासियों की शिकायतें

लोगों ने कई बार नगर निगम से शिकायत की, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। धुएं के कारण लोग सुबह की सैर छोड़ने और घरों में रहने को मजबूर हैं।

प्रदूषण स्तर के आंकड़े (प्रतापनगर क्षेत्र)

  • ग्रीन श्रेणी: 17-18 नवंबर (89-83)
  • यलो श्रेणी: 19-20 नवंबर (162-178)
  • ऑरेंज श्रेणी: 21-24 नवंबर (213-291)

डॉक्टर की राय

डॉ. अरुण गौड़ (अधीक्षक, एमजीएच भीलवाड़ा) का कहना है कि कचरे से निकलने वाली जहरीली गैसें मानव शरीर के लिए बेहद खतरनाक हैं। इससे कैंसर, दमा और अन्य गंभीर बीमारियां हो सकती हैं।

समाधान की जरूरत

नगर निगम को कचरा जलाने की प्रक्रिया पर तुरंत रोक लगानी चाहिए और प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए सख्त कदम उठाने होंगे। साथ ही वाहनों के उपयोग को भी सीमित करने की आवश्यकता है।

About admin

Check Also

सागर संभाग में दमोह की हवा सबसे शुद्ध, अन्य जिलों की स्थिति भी बेहतर

सागर संभाग। सागर संभाग में दमोह जिले की हवा सबसे शुद्ध है। मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Channel 009
help Chat?