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MBA और PGDM में अंतर
MBA और PGDM दोनों ही मैनेजमेंट और व्यवसाय से जुड़े कोर्स हैं, लेकिन इनमें कुछ महत्वपूर्ण अंतर होते हैं। कई लोग इनमें अंतर को लेकर कंफ्यूज रहते हैं।
MBA और PGDM कोर्स क्या होते हैं?
- MBA एक डिग्री कोर्स है, जिसे विश्वविद्यालयों द्वारा कराया जाता है और यह UGC (University Grants Commission) द्वारा मान्यता प्राप्त होता है।
- PGDM एक डिप्लोमा कोर्स है, जिसे निजी संस्थान प्रदान करते हैं और इसे पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन मैनेजमेंट कहा जाता है।
पाठ्यक्रम में अंतर
- MBA का पाठ्यक्रम विश्वविद्यालय द्वारा निर्धारित होता है, इसलिए अलग-अलग विश्वविद्यालयों में इसका सिलेबस लगभग एक जैसा होता है।
- PGDM का पाठ्यक्रम हर कॉलेज में अलग हो सकता है, क्योंकि यह निजी संस्थानों द्वारा संचालित होता है।
फीस में अंतर
- MBA की फीस सरकारी विश्वविद्यालयों में कम होती है, क्योंकि इन्हें सरकारी सहायता मिलती है। निजी विश्वविद्यालयों में यह फीस ज्यादा हो सकती है।
- PGDM की फीस सामान्यत: ज्यादा होती है क्योंकि यह निजी संस्थानों द्वारा कराया जाता है।
समय और पैटर्न
- दोनों कोर्स सामान्यत: 2 साल के होते हैं।
- MBA में सेमेस्टर पैटर्न का पालन होता है, जबकि PGDM में त्रैमासिक पैटर्न होता है।
करियर ऑप्शंस
- MBA के बाद आप ये करियर ऑप्शंस चुन सकते हैं:
• HR मैनेजर
• बिजनेस एनालिस्ट
• मार्केटिंग मैनेजर
• फाइनेंस एडवाइजर
• इन्वेस्टमेंट बैंकर - PGDM के बाद ये करियर ऑप्शंस हो सकते हैं:
• प्रोजेक्ट मैनेजर
• डाटा साइंटिस्ट
• ऑडिटर
• टैक्स स्पेशलिस्ट
• कंसल्टेंट
सैलरी में अंतर
- MBA करने वालों को शुरूआत में 7-10 लाख रुपये सालाना मिलते हैं।
- PGDM करने वालों को शुरूआत में 12-15 लाख रुपये सालाना मिलते हैं। हालांकि, यह सैलरी संस्थान, काम की जगह और उम्मीदवार की क्षमता पर निर्भर करती है।
निष्कर्ष
दोनों कोर्सों के बीच कुछ अंतर हैं, लेकिन दोनों ही अपने-अपने क्षेत्र में बेहतर करियर ऑप्शंस प्रदान करते हैं। यदि आप सैद्धांतिक दृष्टिकोण पर जोर देते हैं तो MBA बेहतर हो सकता है, जबकि अगर आप प्रैक्टिकल ज्ञान और उद्योग से जुड़े कार्यों में रुचि रखते हैं, तो PGDM आपके लिए अच्छा विकल्प हो सकता है।