Related Articles
सारांश
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था ने हाल की उथल-पुथल के बावजूद बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है और चुनौतियों का सामना करने की क्षमता दिखाई है। वैश्विक अर्थव्यवस्था में कई तरह की चुनौतियाँ हैं, जैसे बॉन्ड यील्ड में वृद्धि, जिंस कीमतों में उतार-चढ़ाव और भू-राजनीतिक जोखिम, लेकिन भारतीय वित्तीय बाजार फिर भी मजबूती दिखा रहे हैं। आइए जानते हैं आरबीआई गवर्नर ने और क्या कहा।
विस्तार
वैश्विक चुनौतियों के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था “मजबूती” से आगे बढ़ रही है। आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने गुरुवार को एक कार्यक्रम में यह बात कही। वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल की ओर से ब्याज दरों में कटौती के सुझाव पर दास ने टिप्पणी करने से मना कर दिया और कहा कि मौद्रिक नीति समिति (MPC) दिसंबर में अपनी अगली बैठक में इस पर निर्णय लेगी।
महंगाई पर बात करते हुए दास ने कहा कि अक्टूबर में महंगाई दर आरबीआई के छह प्रतिशत लक्ष्य से ऊपर रही है, लेकिन इसके कम होने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था ने उथल-पुथल भरे समय में भी अच्छी स्थिरता और जुझारू क्षमता दिखाई है।
दास ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूत आर्थिक ढांचे, स्थिर वित्तीय प्रणाली, और सशक्त बाह्य क्षेत्र से समर्थन मिल रहा है। रुपये के गिरते स्तर पर उन्होंने कहा कि बाहरी क्षेत्र ने हाल के समय में “मजबूती और स्थिरता” दिखाई है। चालू खाते का घाटा (CAD) प्रबंधन के तहत है, निर्यात बढ़ रहा है, और सेवा क्षेत्र का निर्यात भी मजबूती से बढ़ा है।
आरबीआई गवर्नर ने बताया कि भारत के पास दुनिया का चौथा सबसे बड़ा विदेशी मुद्रा भंडार है, जो 31 अक्टूबर तक 682 अरब अमेरिकी डॉलर है। यह भंडार विदेशी कर्ज चुकाने और एक साल के आयात के लिए पर्याप्त है। गवर्नर ने साफ किया कि आरबीआई रुपये के लिए कोई विशेष दर निर्धारित नहीं करता है; उनका हस्तक्षेप सिर्फ स्थिरता बनाए रखने के लिए होता है।