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इस घटना में करीब 10 बीघा लहसुन और 20 बीघा मैथी की फसलें जलमग्न हो गईं। किसानों ने बताया कि नहरों की दीवारों में दरारें आने से पानी रिस रहा है। हालांकि, किसान नहर के पास मिट्टी डालकर पानी रोकने का प्रयास कर रहे थे।
किसान मदनलाल ने बताया कि नहर का कार्य सही तरीके से नहीं हुआ, जिससे यह समस्या सामने आई है। किसान महंगे बीज और खाद लेकर फसल उगा रहे थे, लेकिन नहर की लापरवाही से फसलें नष्ट हो गईं।
इस बारे में सहायक अभियंता शेरसिंह वर्मा ने कहा कि नहरों की मॉनिटरिंग की जाती है और सूचना मिलने पर नहर का पानी कम कर दिया गया था। इसके अलावा नहर में आई दरारों के बारे में उच्च अधिकारियों को सूचित कर दिया गया है।