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जयपुर। हाईकोर्ट ने 39 साल पुराने पांच साल की बच्ची से बलात्कार के प्रयास के मामले में दोषी व्यक्ति को शेष सजा भुगतने के लिए सरेंडर करने का आदेश दिया है। दोषी को दो सप्ताह में सरेंडर करना होगा, अन्यथा अधीनस्थ अदालत से गिरफ्तारी वारंट जारी होगा।
घटना का विवरण
- घटना फरवरी 1985 की है, जब बारां थाने में पांच साल की बच्ची से बलात्कार के प्रयास का मामला दर्ज हुआ।
- दोषी शिव प्रकाश उस समय 20 साल का था और अब 59 साल का हो चुका है।
- दिसम्बर 1991 में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने दोषी को 5 साल की जेल और ₹500 जुर्माने की सजा सुनाई।
- जुर्माना न भरने पर 6 महीने की अतिरिक्त जेल का आदेश दिया गया।
कोर्ट की सुनवाई और फैसला
- दोषी ने 1992 में सजा के खिलाफ अपील की, जो अब हाईकोर्ट में खारिज कर दी गई है।
- अपील के दौरान आरोपी के वकील ने कहा कि यह मामला विश्वसनीय नहीं है क्योंकि चोट के निशान या स्वतंत्र गवाह नहीं हैं।
- सरकारी पक्ष ने एफएसएल जांच का हवाला देते हुए कहा कि बलात्कार के प्रयास की पुष्टि हुई है।
कोर्ट का आदेश
हाईकोर्ट ने कहा कि अपराध करने के इरादे और उसके प्रयास की पुष्टि जांच में हुई है। अदालत ने अपील खारिज करते हुए दोषी को 2 सप्ताह में सरेंडर करने का आदेश दिया। ऐसा न करने पर अधीनस्थ अदालत से गिरफ्तारी वारंट जारी होगा।
यह मामला दिखाता है कि न्याय में देरी भले हो, लेकिन अपराधियों को उनके किए की सजा मिलती ही है।