Related Articles
एनजीटी (नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल) ने प्रदेश सरकार को कड़ी फटकार लगाई है। कोर्ट ने कहा कि सरिस्का के नाम 54 हजार बीघा भूमि का म्यूटेशन करने और अवैध होटल व रिसॉर्ट के खिलाफ कार्रवाई के आदेश एक मई को दिए गए थे, लेकिन छह महीने बाद भी इन आदेशों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। सरकार के वकील ने इस कार्य के लिए दो सप्ताह का और समय मांगा, लेकिन कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा कि दो सप्ताह में आदेशों की पूरी पालना होनी चाहिए। अगली सुनवाई 29 जनवरी को होगी।
सरिस्का के बफर जोन में 40 से ज्यादा होटल और रिसॉर्ट चल रहे हैं, जिनमें से कई सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद बंद नहीं हुए। इन होटल्स का संचालन सीटीएच से एक किलोमीटर के दायरे में हो रहा है, जबकि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक इन्हें बंद किया जाना था।
कोर्ट में सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति बी. अमित स्थालेकर ने कहा कि सरकार के वकील एक मई के आदेश की पालना में नाकाम रहे। याचिकाकर्ता के वकील ने कोर्ट से कहा कि सरिस्का के नाम म्यूटेशन नहीं हुआ है और वहां के बफर व कोर एरिया में होटल, रिसॉर्ट और रेस्टोरेंट धड़ल्ले से चल रहे हैं। इसके अलावा, नए निर्माण भी शुरू हो गए हैं। प्रशासन ने इस पर कोई कार्रवाई नहीं की।
इसके अलावा, नाहरगढ़ सेंचुरी में भी दर्जनों होटल निर्माणाधीन हैं और वन विभाग का पूरा संरक्षण इन पर है। यहां अधिकारियों को ऐसे होटल संचालकों का समर्थन करने के लिए तैनात किया गया है। कोर्ट और सरकार के आदेशों के बावजूद अधिकारियों ने कोई कार्रवाई नहीं की।