लालू प्रसाद यादव का एक नया बयान चर्चा में है। उन्होंने विपक्षी गठबंधन INDIA Bloc की कमान पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को देने की बात कही है। पहले उन्होंने राहुल गांधी को ‘दूल्हा’ कहा था, लेकिन अब उनके बयान ने नया मोड़ ले लिया है। सवाल उठ रहा है कि आखिर लालू यादव ने ऐसा क्यों किया?
लालू यादव की सक्रियता पर सवाल
लालू यादव को लेकर अक्सर उनकी बीमारी का जिक्र किया जाता है, लेकिन सक्रियता के मामले में वह हमेशा आगे नजर आते हैं। चाहे बिहार में उपचुनाव हो, लोकसभा चुनाव हो, या फिर विपक्षी दलों की बैठक, लालू हर जगह मौजूद रहते हैं। इससे साफ है कि उनकी सेहत को लेकर की जाने वाली बातें राजनीति का हिस्सा हैं।
राहुल गांधी को ‘दूल्हा’ कहने की कहानी
जब पटना में विपक्षी दलों की बैठक हुई थी, तब लालू यादव ने मजाक में राहुल गांधी को ‘दूल्हा’ बनने की बात कही थी। उनका मतलब था कि राहुल विपक्षी गठबंधन का नेतृत्व करें। उसी समय राहुल को लोकसभा में विपक्ष का नेता बनाने का समर्थन किया गया।
अब ममता बनर्जी को क्यों चुना?
लालू यादव ने ममता बनर्जी को आगे करने की कई वजहें हो सकती हैं:
- बिहार का गठबंधन: बिहार में कांग्रेस और राजद का गठबंधन है, लेकिन कांग्रेस हमेशा दबाव बनाने की राजनीति करती रही है। लालू शायद इसे रोकना चाहते हैं।
- पश्चिम बंगाल की ताकत: ममता बनर्जी ने भाजपा के खिलाफ मजबूती से लड़ाई लड़ी है। लालू को लगता है कि वह विपक्षी गठबंधन को बेहतर नेतृत्व दे सकती हैं।
- राहुल गांधी की कमजोरी: लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी का प्रभाव खास नहीं दिखा, जबकि ममता बनर्जी का कद मजबूत हुआ है।
नीतीश कुमार पर कटाक्ष
लालू ने कहा था कि वह कभी नहीं चाहते थे कि नीतीश कुमार विपक्षी गठबंधन का नेतृत्व करें। जब विपक्षी गठबंधन की पहली बैठक हुई, तब भी लालू ने राहुल को समर्थन दिया था। नीतीश कुमार के मन की बात को नजरअंदाज कर, राहुल को आगे किया गया। इससे नीतीश नाराज हुए और एनडीए में लौट गए।
लालू का ममता की तरफ रुख क्यों?
ममता बनर्जी से लालू यादव की नजदीकी पहले भी दिखी है। जब ममता पटना आई थीं, तो उन्होंने नीतीश कुमार से ज्यादा तवज्जो लालू को दी। ममता का भाजपा के खिलाफ कड़ा रुख और बंगाल में उनकी ताकत भी लालू के फैसले की बड़ी वजह है।
लालू प्रसाद यादव की हर बात के पीछे एक खास रणनीति होती है। उनका ममता को आगे करना विपक्षी राजनीति में एक नया मोड़ ला सकता है।