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नई शर्तों से छात्रों में असमंजस
जेईई एडवांस्ड 2025 के लिए गाइडलाइन्स में बार-बार बदलाव हो रहे हैं, जिससे छात्रों में असमंजस और निराशा बढ़ रही है। हाल ही में जारी एक नए आदेश ने छात्रों को बड़ा झटका दिया है। इस नए नियम के अनुसार, अगर कोई छात्र जोसा (ज्वाइंट सीट एलोकेशन अथॉरिटी) के तहत किसी आईआईटी, एनआईटी या अन्य केंद्रीय संस्थान में सीट लेने के बाद प्रवेश नहीं लेता, तो वह जेईई एडवांस्ड 2025 में फिर से परीक्षा में शामिल नहीं हो सकेगा।
पहले से हो चुके हैं बदलाव
इससे पहले भी जेईई की गाइडलाइन्स में बदलाव किए गए थे। पहले छात्रों को जेईई में तीन बार बैठने का मौका मिलता था, लेकिन अब इसे घटाकर दो प्रयासों तक सीमित कर दिया गया है। इस बार-बार बदलाव के कारण छात्रों और उनके अभिभावकों के बीच अनिश्चितता और चिंता बढ़ गई है।
छात्रों पर असर
- अधिकार सीमित होने का डर: नई गाइडलाइन से उन छात्रों पर असर पड़ेगा जो अपनी पहली पसंद के आईआईटी में प्रवेश लेने के लिए जेईई एडवांस्ड में दोबारा प्रयास करना चाहते थे।
- उम्मीदों पर पानी: कई छात्रों ने जोसा 2024 के तहत कम प्राथमिकता वाले संस्थान में दाखिला नहीं लिया था ताकि वे अगले साल अपनी रैंक सुधार सकें, लेकिन अब उनका यह मौका खत्म हो गया है।
- मानसिक तनाव में वृद्धि: बार-बार बदलते नियमों से छात्रों पर मानसिक दबाव बढ़ रहा है, क्योंकि उन्हें अपनी तैयारी की रणनीति को समझने में कठिनाई हो रही है।
शिक्षा विशेषज्ञों की राय
शिक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि इस कदम से छात्रों को बेहतर संसाधनों का उपयोग करने का अवसर मिल सकता है, लेकिन इससे उन छात्रों के अवसर खत्म हो जाएंगे जो दूसरी बार बेहतर प्रदर्शन कर सकते थे। उन्होंने इस नीति पर पुनर्विचार करने की अपील की है।
प्रिपरेटरी कोर्स के छात्रों को छूट
इस बार जेईई एडवांस्ड 2025 में प्रिपरेटरी कोर्स करने वाले छात्रों को छूट मिलेगी। यह छूट केवल उन्हीं छात्रों को मिलेगी जिन्होंने प्रिपरेटरी कोर्स पूरा किया है और आईआईटी में अपनी पढ़ाई जारी रखने के इच्छुक हैं।
नई गाइडलाइन्स का उद्देश्य
नए नियम का मुख्य उद्देश्य सीटों का दुरुपयोग रोकना और छात्रों को पढ़ाई के प्रति गंभीर बनाना है। हालांकि, छात्रों को एक और मौका मिलना चाहिए, क्योंकि यह उनके अधिकार की बात है।