उज्जैन
श्री महाकालेश्वर मंदिर में शुक्रवार सुबह भस्म आरती के दौरान बाबा महाकाल का भांग, ड्रायफ्रूट और पूजन सामग्री से दिव्य श्रृंगार किया गया। इस दौरान बाबा को चांदी का मुकुट पहनाया गया। श्रद्धालुओं ने नंदी हॉल और गणेश मंडपम से इस अद्भुत आरती के दर्शन किए।
भस्म आरती का विशेष आयोजन
पंडित महेश शर्मा ने बताया कि मार्गशीर्ष माह शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर शुक्रवार सुबह 4 बजे बाबा महाकाल जागे। भगवान वीरभद्र और मानभद्र की अनुमति के बाद मंदिर के पट खोले गए। बाबा महाकाल को गर्म जल से स्नान, पंचामृत अभिषेक और केसर युक्त जल अर्पित किया गया।
- शीश पर विराजी मां गंगा: पूजा-अर्चना के बाद बाबा महाकाल के शीश पर मां गंगा का विशेष स्थान रहा।
- भस्म अर्पण: महानिर्वाणी अखाड़े द्वारा बाबा को भस्म अर्पित की गई।
श्रद्धालुओं का उत्साह
भस्म आरती में बाबा के दिव्य श्रृंगार ने श्रद्धालुओं को अभिभूत कर दिया। भक्तों ने “जय श्री महाकाल” के उद्घोष के साथ बाबा के निराकार से साकार स्वरूप का दर्शन किया।
अन्नक्षेत्र में खाद्य सामग्री का दान
श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति द्वारा संचालित नि:शुल्क अन्नक्षेत्र में नई दिल्ली के भक्त बृजेश मुंजाल ने 700 किलो चावल और 100 किलो शक्कर का दान किया। सहायक प्रशासक प्रतीक द्विवेदी ने उनका सम्मान किया। मुंजाल भगवान महाकाल के लिए अक्सर सामग्री दान करते हैं।
वैदिक संस्थान के छात्रों की उपलब्धि
श्री महाकालेश्वर वैदिक प्रशिक्षण संस्थान के छात्रों ने राष्ट्रीय स्तर पर सम्मान हासिल किया।
- उमाशंकर व्यास: संस्कृत निबंध लेखन में प्रथम स्थान।
- दिव्यांश बैरागी: गीता श्लोक आधारित गीत गायन में तृतीय स्थान।
मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक गणेश धाकड़ और निदेशक डॉ. पीयूष त्रिपाठी ने छात्रों और शिक्षकों को बधाई दी।
इस दिव्य आयोजन और उपलब्धियों ने उज्जैन के गौरव को और बढ़ा दिया।