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सुकमा जिले के माओवादी प्रभावित गांव पूवर्ती में आजादी के 78 साल बाद पहली बार दूरदर्शन की आवाज गूंजी। यहां के ग्रामीणों ने देश-दुनिया की खबरें, धारावाहिक और फिल्में देखी। यह ऐतिहासिक पहल गांव के बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गों के लिए एक नई उम्मीद बनकर आई है।
गांव के बच्चों ने ज्ञानवर्धक कार्यक्रम और कार्टून देखे, जिससे उनके चेहरे पर उत्सुकता और सीखने की झलक दिखाई दी। इस पहल से माओवादी प्रभावित क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव की शुरुआत हो रही है, और यह शांति और समृद्धि की ओर एक कदम है।
छत्तीसगढ़ सरकार ने सुदूर गांवों में जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाने के लिए ‘नियद नेल्लानार योजना’ शुरू की है, जिसका उद्देश्य गांवों तक विकास की गति को बढ़ाना है।
कलेक्टर देवेश कुमार ध्रुव ने कहा कि सौर ऊर्जा से चलने वाले उपकरणों का गांवों तक पहुंचना एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे न केवल ग्रामीणों की जरूरतें पूरी हो रही हैं, बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी मदद मिल रही है।
गांव के लोग इस बदलाव से बेहद खुश हैं और अब वे देश-दुनिया से जुड़ा हुआ महसूस कर रहे हैं। उन्हें सोलर लाइट और पंखे के जरिए राहत मिली है, जिससे उनकी रातें रोशन हो गई हैं और गर्मी में राहत भी मिली है।
ग्रामीणों का कहना है कि यह विकास किसी चमत्कार से कम नहीं है, और वे अब पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ बेहतर जीवन जीने की दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं।