सूरजकुंड मेला परिसर में हुआ शुभारंभ
सोमवार को सूरजकुंड मेला परिसर में तीन दिवसीय गुर्जर महोत्सव का आगाज हुआ। शुभारंभ हरियाणा के राज्य मंत्री राजेश नागर ने किया। पहले दिन रुक-रुक कर बारिश होती रही, जिससे मेला देर से शुरू हुआ, लेकिन लोगों के उत्साह में कोई कमी नहीं आई। महोत्सव में पहले दिन 5000 से अधिक लोग शामिल हुए।
चौपालों पर सांस्कृतिक कार्यक्रम
परिसर में पांच से अधिक चौपालों पर कलाकारों ने पारंपरिक लोकनृत्य पेश किया। पारंपरिक पोशाक पहने महिलाएं और युवतियां देसी-विदेशी गानों पर झूमती नजर आईं। मुख्य चौपाल पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों और अन्य चौपालों पर वीर सपूतों की गाथाओं ने लोगों का दिल जीत लिया। स्कूली बच्चों की प्रस्तुतियों ने भी खूब वाहवाही बटोरी।
चौधरी की पगड़ी बनी आकर्षण का केंद्र
महोत्सव में बुजुर्ग और जमींदार पगड़ी बांधकर पहुंचे, लेकिन ऊंची डिजाइन की पगड़ियां युवाओं को काफी आकर्षित कर रही थीं।
गुर्जर समाज की गोत्र और खाप चौपालें
गुर्जर समाज की संस्कृति और इतिहास को समझाने के लिए अलग-अलग गोत्र और खाप की चौपालें लगाई गईं। इन चौपालों को पुरानी चौपाल के पास सजाया गया।
उत्तर प्रदेश की खाट और ग्रामीण झलक
महोत्सव में उत्तर प्रदेश की ग्रामीण संस्कृति को दर्शाने के लिए खाट, पुराने हैंडपंप और यज्ञशाला की प्रदर्शनी लगाई गई। इन प्रदर्शनों ने युवाओं को ग्रामीण परिवेश से जोड़ने का प्रयास किया।
पर्यावरण संरक्षण की अनोखी पहल
फरीदाबाद के उदित नारायण ने खराब बिजली के तारों से तस्वीरें बनाकर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया। वे 2015 से इस क्षेत्र में काम कर रहे हैं।
महिलाओं ने दिखाया सशक्तिकरण
महिलाओं ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भाग लिया और अपने व्यापार को प्रमोट कर महिला सशक्तिकरण का उदाहरण पेश किया।
गुर्जर संस्कृति की यादें ताजा
दिल्ली और अन्य राज्यों से