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दूध में भारी मिलावट:
सीकर और झुंझुनूं जिले में चलाए जा रहे “दूध का दूध, पानी का पानी” अभियान के दौरान दूध की जांच में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। 30 नमूनों की जांच में से 18 नमूनों में 60 से 80 प्रतिशत तक पानी की मिलावट पाई गई। सिर्फ 12 नमूने ही मानकों के अनुरूप पाए गए।
एसएनएफ और फैट का स्तर कम:
जांच में यह भी पाया गया कि एसएनएफ (सॉलिड नॉट फैट) का स्तर मानक 8.5 से काफी कम है। एक नमूने में एसएनएफ 5.0 तक पाया गया। हालांकि, घर के पशुओं के दूध में बेहतर गुणवत्ता देखी गई।
घी की जांच भी होगी:
शिविर में तीन घी के नमूने भी लिए गए, जिनकी जांच डेयरी लैब में की जाएगी। हालांकि गंभीर मिलावट की बात सामने नहीं आई है, लेकिन पानी मिलाने की पुष्टि हुई है।
अभियान का उद्देश्य:
राज्य सरकार के निर्देश पर 10 से 30 जनवरी तक यह अभियान चलाया जा रहा है। इसमें दूध और दूध से बने उत्पादों की गुणवत्ता की जांच की जाएगी और उपभोक्ताओं को जागरूक किया जाएगा। उपभोक्ता अपने घर में आने वाले कच्चे दूध की निशुल्क जांच करवा सकते हैं।
शिविर की प्रमुख तिथियां और स्थान:
- 13 जनवरी: खंडेला, सरकारी अस्पताल
- 14 जनवरी: नीमकाथाना, न्यू बस स्टैंड
- 15 जनवरी: पाटन, न्यू बस स्टैंड
- 16 जनवरी: अजीतगढ़, न्यू बस स्टैंड
- 17 जनवरी: श्रीमाधोपुर, कचियागढ़ रोड
- 18 जनवरी: रींगस, बीकानेर स्टैंड
- 19 जनवरी: खाटूश्यामजी, अलोदा चौराहा
- 20 जनवरी: लोसल, नगर पालिका भवन
- 21 जनवरी: सीकर, लोहारू बस स्टैंड
- 22 जनवरी: लक्ष्मणगढ़, मोदी कॉलेज के पास
- 23 जनवरी: फतेहपुर, नगर परिषद भवन
- 24 जनवरी: मुकुंदगढ़, गणेश मिष्ठान भंडार
- 25 जनवरी: नवलगढ़, नानसा गेट
- 26 जनवरी: झुंझुनूं, मंडावा मोड़
- 27 जनवरी: चिड़ावा, गांधी चौक
- 28 जनवरी: पिलानी, राजगढ़ रोड
- 29 जनवरी: सिंघाना, बाइपास तिराहा
- 30 जनवरी: खेतड़ी, खांडल एजेंसी
निशुल्क जांच का लाभ:
शिविर में उपभोक्ता अपने दूध की जांच करवा सकते हैं। ध्यान रखें, जांच के लिए कच्चा दूध लाना जरूरी है।
आमजन के लिए जागरूकता:
यह अभियान उपभोक्ताओं को दूध की उच्च गुणवत्ता सुनिश्चित करने और मिलावट से बचाने के लिए चलाया जा रहा है।