बारानी गेहूं की खासियत
बारानी गेहूं को असिंचित जमीन पर उगाया जाता है, जिसमें पेस्टिसाइड्स का इस्तेमाल नहीं होता। इसकी वजह से यह गेहूं अन्य गेहूं से ज्यादा पौष्टिक होता है। हालांकि, इसमें आटे की मात्रा कम होती है, लेकिन इसका स्वाद बहुत अच्छा होता है, और लोग इसे पसंद करते हैं।
पूर्व सहायक निदेशक कृषि अणदाराम चौधरी के अनुसार, बारानी का मतलब असिंचित होता है और इसमें कोई रासायनिक उर्वरक नहीं होते, जिससे इसकी गुणवत्ता बहुत बढ़ जाती है।
किसानों की खुशी
मेड़ता कृषि कलस्टर क्षेत्र के कई गांवों में इस बार असिंचित क्षेत्र में बारानी गेहूं की अच्छी फसल हुई है। इन गांवों में जावली, डाबरियाणी, रेण, खेडूली, शुभदण्ड, लांछ की ढाणी और खाखड़की, बड़गांव, गेमिलयावास जैसे गांव शामिल हैं, जहां बारानी गेहूं लहलहा रहे हैं।
बुजुर्ग किसान देवीलाल रियाड़ ने कहा कि 25-30 साल बाद उन्होंने ऐसी अच्छी गेहूं की फसल देखी है। मावठ की बारिश और ओस व कोहरे के कारण असिंचित क्षेत्र में गेहूं की अच्छी ग्रोथ हुई है।
खास किस्म के गेहूं की बढ़ती डिमांड
मेड़ता क्षेत्र में इस बार काठिया (काला गेहूं) की भी अच्छी बुवाई हुई है। यह विशेष किस्म का गेहूं है, जो मिनरल्स, विटामिन्स और आयरन से भरपूर होता है। इसकी खास लापसी बनती है, और इसकी डिमांड हमेशा रहती है। इसकी कीमत भी सामान्य गेहूं से 2 से 3 गुना अधिक होती है।
इस साल की गेहूं की फसल ने किसानों को उम्मीद दी है कि आने वाले समय में और भी बेहतर उत्पादन होगा।