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छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिले में नगरीय निकाय चुनाव के लिए भाजपा और कांग्रेस ने अपने अध्यक्ष और वार्ड पार्षदों के उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। पांच नगर पंचायतों में अध्यक्ष पद के साथ-साथ पार्षदों की टीम भी तैयार है।
चुनावी तैयारियां
मंगलवार को नामांकन भरने की आखिरी तारीख है, जिसके बाद स्थिति और स्पष्ट होगी। कौन-कौन बागी होकर नामांकन भरते हैं और नाम वापस लेते हैं या नहीं, यह देखना दिलचस्प होगा। कवर्धा नगर पालिका का चुनाव और उसका परिणाम सभी के लिए खास रहेगा।
विकास की राजनीति पर जनता का फैसला
जिला मुख्यालय की कवर्धा नगर पालिका में अध्यक्ष पद के लिए भाजपा ने युवा नेता चंद्रप्रकाश चंद्रवंशी को उम्मीदवार बनाया है, जबकि कांग्रेस ने वरिष्ठ नेता और कई बार के पार्षद संतोष यादव को मैदान में उतारा है। दोनों ही प्रत्याशियों ने अपने नामांकन पत्र दाखिल कर दिए हैं और जीत को लेकर आत्मविश्वास जता रहे हैं।
चुनाव प्रचार और मुद्दे
नामांकन प्रक्रिया के बाद चुनाव चिन्ह आवंटन के साथ असली चुनावी जंग शुरू होगी। कांग्रेस पिछले पांच साल के कामकाज का रिपोर्ट कार्ड लेकर जनता के बीच जाएगी, वहीं भाजपा अपने पुराने विकास कार्यों और वर्तमान सरकार की योजनाओं के बलबूते चुनाव लड़ेगी।
पिछले चुनाव का असर
2020 के नगरीय निकाय चुनाव में कांग्रेस ने शानदार प्रदर्शन करते हुए भाजपा को हर जगह पीछे छोड़ दिया था। भाजपा कवर्धा नगर पालिका में 15 साल के शासन के बाद भी अधिकतर सीटें हार गई थी। लेकिन इस बार भाजपा सत्ता में है और बीते एक साल में कई विकास कार्यों को पूरा करने का दावा कर रही है।
जनता का फैसला कब आएगा?
कवर्धा की जनता 11 फरवरी को मतदान करेगी, और परिणाम 15 फरवरी को घोषित होंगे। इस बीच, दोनों पार्टियों के नेता 27 वार्डों में जाकर जनता को अपनी योजनाएं समझाएंगे। जनता इस बार विकास की राजनीति को चुनेगी या कुछ नया फैसला लेकर चौंकाएगी, यह देखना दिलचस्प होगा।