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जयपुर। जयपुर आर्ट वीक के तहत आयोजित एक खास वर्कशॉप में कला प्रेमियों और इतिहास के शौकीनों को मिनिएचर पेंटिंग की अद्भुत दुनिया से परिचित कराया गया। इस वर्कशॉप में प्रतिभागियों को पारंपरिक मिनिएचर पेंटिंग को कागज, कपड़े या प्लेट पर खुद से उकेरने का मौका मिला, जो उनके लिए एक यादगार अनुभव रहा।
यह वर्कशॉप जयपुर विरासत फाउंडेशन के सहयोग से गोलछा गार्डन स्टूडियो में आयोजित की गई थी। इस अनूठी वर्कशॉप में न केवल मिनिएचर पेंटिंग की कला सिखाई गई, बल्कि भित्तिचित्रों (म्यूरल्स) और फ्रेस्को पेंटिंग्स के बारे में भी जानकारी दी गई।
जयपुर आर्ट वीक राजस्थान पत्रिका के समर्थन से पब्लिक आर्ट्स ट्रस्ट ऑफ इंडिया द्वारा आयोजित किया जा रहा है। इस वीक का आयोजन “आवतो बायरो बाजे: द थंडर्स रोर ऑफ एन एंपेंडिंग स्टोर्म” थीम पर हो रहा है, जिसमें दुनियाभर से 30 से ज्यादा कलाकार भाग ले रहे हैं। आर्ट वीक का समापन 3 फरवरी को होगा।
गोलछा स्टूडियो की ऑनर प्रियमवदा ने कहा, “यह गर्व का क्षण है कि यहां की समृद्ध कला और संस्कृति को जीवंत किया जा रहा है। प्रतिभागियों का उत्साह देखने लायक था और इस वर्कशॉप ने उन्हें पारंपरिक तकनीकों और रंगों की गहराई से परिचित कराया।”
इस वर्कशॉप में प्रतिभागियों को प्राकृतिक रंगों का उपयोग, उनकी तैयारी और पारंपरिक तकनीकों का अनुभव कराया गया। हर प्रतिभागी को खुद पेंटिंग बनाने का मौका मिला, जिससे यह वर्कशॉप शैक्षिक और रचनात्मक दोनों ही दृष्टिकोण से अद्भुत बन गई।
प्रतिभागी प्रिया ने कहा, “मिनिएचर पेंटिंग की बारीकियों और तकनीकों को सीखना मेरे लिए एक अद्भुत अनुभव था। इसने मुझे जयपुर की सांस्कृतिक विरासत से गहरा जुड़ाव महसूस कराया।” एक अन्य प्रतिभागी रोहित ने कहा, “यह वर्कशॉप मेरे जीवन के सबसे यादगार अनुभवों में से एक रही। यहां कला और इतिहास का बेहतरीन मिश्रण देखने को मिला।”