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छत्तीसगढ़ के बीजापुर-भोपालपट्टनम जिले में नेशनल पार्क के सेंड्रा इलाके में सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच जबरदस्त मुठभेड़ हुई। जवानों ने पहाड़ी की सभी एग्जिट पॉइंट ब्लॉक कर नक्सलियों को चारों तरफ से घेर लिया। अचानक हुए इस हमले से नक्सली चौंक गए और संभलने का मौका नहीं मिला।
जवानों की जबरदस्त रणनीति
- एसटीएफ, डीआरजी और बस्तर फाइटर के जवानों ने पहाड़ी को चारों तरफ से घेरकर फायरिंग शुरू कर दी।
- चार घंटे तक चली भारी गोलीबारी के बाद नक्सलियों की तरफ से फायरिंग बंद हो गई।
- जब जवानों ने आगे बढ़कर देखा तो 31 नक्सलियों के शव बिखरे मिले।
- सूत्रों के मुताबिक, मरने वालों की संख्या और बढ़ सकती है, क्योंकि घटनास्थल पर खून के धब्बे और शव घसीटने के निशान मिले हैं।
चार दिन पहले से ऑपरेशन की तैयारी
- बीजापुर का नेशनल पार्क नक्सलियों का सबसे मजबूत गढ़ माना जाता है।
- बड़े नक्सल नेताओं की मौजूदगी की सूचना मिलने पर 6 फरवरी को ऑपरेशन शुरू किया गया।
- जवान चार दिन तक जंगल में डेरा डाले रहे और नक्सलियों को चारों ओर से घेरने की रणनीति बनाते रहे।
बस्तर आईजी और एसपी का बयान
- बस्तर आईजी पी. सुंदरराज ने बताया कि ऑपरेशन में छत्तीसगढ़ पुलिस की टीम शामिल थी, महाराष्ट्र की C-60 फोर्स इसमें नहीं थी।
- बीजापुर एसपी डॉ. जितेंद्र यादव ने कहा कि मारे गए नक्सलियों की संख्या बढ़ सकती है, इसलिए सर्च ऑपरेशन अभी जारी है।
नक्सली संगठन को बड़ा झटका
- मारे गए 31 नक्सलियों में डिवीसीएम वेस्ट बस्तर डिवीजन कमेटी सचिव हूंगा कर्मा भी शामिल था।
- हूंगा कर्मा बड़ी नक्सली घटनाओं का मास्टरमाइंड रहा है, उसकी मौत से नक्सल संगठन को भारी नुकसान हुआ है।
- पुलिस बाकी मारे गए नक्सलियों की पहचान करने में जुटी हुई है।
यह मुठभेड़ नक्सलियों के खिलाफ बड़ी जीत मानी जा रही है और जवानों का सर्च ऑपरेशन अब भी जारी है।