उत्तर प्रदेश सरकार किराएदारी अधिनियम में बदलाव करने जा रही है। अब मकान मालिक और किराएदार आसानी से पोर्टल के जरिए रेंट एग्रीमेंट कर सकेंगे। इसके लिए एक तय फीस होगी, जो मौजूदा दरों से कम रहेगी। जल्द ही यह प्रस्ताव कैबिनेट की बैठक में रखा जाएगा।
नए नियम क्यों जरूरी?
अक्सर मकान मालिक और किराएदार के बीच विवाद की खबरें आती हैं, जो कई बार कोर्ट तक पहुंच जाती हैं। इन समस्याओं को रोकने के लिए सरकार नया ऑनलाइन पोर्टल बना रही है, जहां दोनों पक्षों को कानूनी सुरक्षा मिलेगी।
नए नियम में क्या होगा?
- मकान मालिक और किराएदार ऑनलाइन पोर्टल पर एग्रीमेंट रजिस्टर कर सकेंगे।
- स्टांप शुल्क 2% होगा और न्यूनतम शुल्क 500 रुपये रखा जा सकता है।
- रजिस्ट्रेशन होने के बाद दोनों पक्षों को एग्रीमेंट की कॉपी मिलेगी।
- मकान मालिक को किराएदार को तय सुविधाएं देनी होंगी, जो एग्रीमेंट में दर्ज होंगी।
पहले क्या था?
अभी किराए के आधार पर स्टांप शुल्क लिया जाता है, जो बहुत महंगा होता है। इस वजह से लोग बिना रजिस्ट्रेशन के साधारण एग्रीमेंट कर लेते हैं, जिसकी कोई कानूनी मान्यता नहीं होती। इससे विवाद बढ़ते हैं और मामला कोर्ट तक पहुंच जाता है।
नए नियम का फायदा
- कम शुल्क में कानूनी रूप से सुरक्षित एग्रीमेंट बनेगा।
- विवादों और कोर्ट केस से बचाव होगा।
- मकान मालिक और किराएदार दोनों के हित सुरक्षित रहेंगे।
सरकार जल्द ही नए किराएदारी अधिनियम को लागू करने की तैयारी कर रही है।