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राजस्थान के समरावता प्रकरण में निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा की जमानत याचिका पर सुनवाई पूरी हो चुकी है। अब हाईकोर्ट के फैसले का इंतजार किया जा रहा है।
क्या है मामला?
13 नवंबर 2024 को देवली-उनियारा सीट पर उपचुनाव के दौरान समरावता के ग्रामीणों ने चुनाव बहिष्कार का फैसला किया। वे चाहते थे कि उनके गांव को देवली उपखंड से हटाकर उनियारा उपखंड में जोड़ा जाए। इसी दौरान निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा भी धरना स्थल पर पहुंचे।
बाद में उन्हें पता चला कि तीन लोगों ने मतदान कर दिया है, जिससे वे गुस्से में आ गए और एसडीएम मालपुरा अमित चौधरी को थप्पड़ मार दिया। इसके बाद गांव में तनाव फैल गया और मामला बढ़ गया।
कोर्ट में क्या हुआ?
- 14 नवंबर 2024 को पुलिस ने नरेश मीणा समेत कई लोगों को गिरफ्तार किया।
- बाकी सभी आरोपियों को जमानत मिल गई, लेकिन नरेश मीणा अभी भी जेल में हैं।
- हाईकोर्ट में जमानत याचिका दायर की गई, जिस पर बुधवार को सुनवाई हुई।
- कोर्ट ने फिलहाल फैसला सुरक्षित रख लिया है, जिसे बाद में सुनाया जाएगा।
दोनों पक्षों की दलीलें
- सरकार की ओर से कहा गया कि आगजनी और तोड़फोड़ नरेश मीणा ने करवाई।
- नरेश मीणा के वकीलों का कहना है कि आग और तोड़फोड़ पुलिस की ओर से की गई।
- नरेश मीणा से जेल में मिलने कई राजनीतिक दलों के नेता भी पहुंचे हैं।
संगठनों की रिहाई की मांग
कई संगठन और समर्थक नरेश मीणा की रिहाई की मांग कर रहे हैं। अब सभी को हाईकोर्ट के फैसले का इंतजार है कि क्या उन्हें जमानत मिलेगी या नहीं।