छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले के वन मंडल में पिछले दो दिनों से एक अकेला हाथी गांवों में उत्पात मचा रहा है। इस हाथी ने 9 ग्रामीणों के घरों को नुकसान पहुंचाया और उनका चावल भी खा लिया, जिससे ग्रामीणों में भारी दहशत का माहौल है।
जानकारी के अनुसार, रायगढ़ जिला मुख्यालय से केवल 8 किलोमीटर दूर स्थित बंगुरसिया गांव में एक जंगली हाथी लंबे समय से मौजूद है। यह हाथी जंगल से निकलकर कभी सड़क, कभी धान खरीदी केंद्र, और कभी रिहायशी इलाकों में आकर तबाही मचाता है। पिछले दो दिनों से यह हाथी लगातार गांवों में आकर घरों को तोड़ने और चावल खाने में जुटा है।
बीती रात भी हाथी ने बंगुरसिया गांव के संतोष विश्वकर्मा और कमला सिदार के घरों को तोड़ा और रखे चावल को खा लिया। इसके बाद यह हाथी गांव भगोरा में भी पहुंचा और नरेंद्र यादव और प्रहलाद भोय के घरों को ढहा दिया, साथ ही केला फसल को भी नुकसान पहुंचाया। इसके बाद ग्रामीणों ने हाथी को गांव से खदेड़ा।
वन विभाग के कर्मचारी और हाथी मित्र दल की टीम लगातार हाथी के मूवमेंट पर नजर बनाए हुए हैं। इन दिनों जंगल में हाथियों के लिए पर्याप्त खाना नहीं मिल रहा, इसलिए वे रात के समय गांवों में आकर खाने की तलाश करते हैं। इससे गांव में हर रात दहशत का माहौल बन जाता है। ग्रामीण अपनी फसलों की रखवाली के लिए रात-रात भर जाग रहे हैं।
हालांकि रायगढ़ वन मंडल में 100 से अधिक हाथियों का दल विचरण कर रहा है, लेकिन फिलहाल इस दल ने बस्ती की ओर रुख नहीं किया है। यदि यह दल गांवों की ओर आता है, तो काफी नुकसान हो सकता है, क्योंकि इस समय मक्का, मूंगफली, धान और केला की खेती हो रही है। ग्रामीणों को डर है कि हाथी के झुंड के आने से उनके फसल को भी नुकसान पहुंचेगा।