Banswara News: राजस्थान के बांसवाड़ा नगर परिषद में आगामी चुनाव 60 वार्डों में होंगे। राज्य सरकार ने वार्डों की संख्या बढ़ाने का निर्णय नहीं लिया है, लेकिन परिसीमन किया जाएगा। इसका काम रविवार से शुरू हो गया है, और इसका उद्देश्य सियासी फायदे के लिए किया जा रहा है।
वार्डों के परिसीमन में अब भी 2011 की जनगणना का आधार रहेगा। हालांकि, तकनीकी तौर पर परिसीमन की आवश्यकता नहीं थी, लेकिन राजनीतिक लाभ के लिए इसे किया जा रहा है। पिछले चुनावों में भी इसी जनसंख्या के आधार पर चुनाव हुए थे।
वार्ड परिसीमन का कार्य शुरू हो गया है
नगर परिषद आयुक्त दुर्गेश रावल ने बताया कि परिसीमन कार्य तय समय सीमा पर पूरा कर लिया जाएगा और जो आपत्तियां आएंगी, उनका समाधान भी किया जाएगा।
गर्मियों के बाद हो सकते हैं चुनाव
वार्डों की संख्या बढ़ाने के लिए शहर की आबादी को 2 लाख के पार होना चाहिए, लेकिन आंकड़ों के अनुसार जनसंख्या उतनी नहीं है। स्वायत्त शासन विभाग ने 13 फरवरी को परिसीमन के लिए आदेश जारी किए थे। इसके अनुसार, परिसीमन कार्य जिला निर्वाचन अधिकारी की देखरेख में होगा।
राजनीतिक कारणों से परिसीमन
राजनीतिक जानकारों का कहना है कि पिछले नगर परिषद चुनावों में कांग्रेस सरकार ने अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए वार्डों का परिसीमन किया था, ताकि जातिगत आधार पर वोटरों को अपने पक्ष में किया जा सके।
वार्डों के गठन के लिए जनसंख्या का गणित
- 15 हजार तक – 20 वार्ड
- 25 हजार तक – 25 वार्ड
- 60 हजार तक – 40 वार्ड
- 80 हजार तक – 45 वार्ड
- 1 लाख तक – 55 वार्ड
- 2 लाख तक – 60 वार्ड
- 3 लाख तक – 65 वार्ड
परिसीमन प्रस्ताव का कार्यक्रम
- 16 फरवरी से 20 मार्च तक प्रस्ताव का प्रकाशन (33 दिन)
- 10 अप्रैल तक प्रस्ताव पर आपत्तियां (23 दिन)
- 1 मई तक सरकार को आपत्ति सहित प्रस्ताव भेजना (21 दिन)
- 15 मई तक नए वार्ड का अनुमोदन (14 दिन)
वार्ड की सीमा
- सभी वार्डों की जनसंख्या और वोटिंग समान नहीं हो सकती।
- जनसंख्या के हिसाब से 15% तक भिन्नता हो सकती है।
- राजस्व गांव को पूरी तरह से शामिल किया जाएगा।
- एक मकान दो वार्डों में नहीं आएगा।
- वार्ड की सीमा गली से गली तक होगी, कुछ विशेष परिस्थितियों में काल्पनिक गली भी हो सकती है।
- कोशिश होगी कि एक वार्ड एक ही थाने के क्षेत्र में रहे।